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09-Apr-2021 10:02 AM
PATNA : विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में विपक्षी विधायकों की पिटाई का मामला अब एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान से गुहार लगाई है. तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को पत्र लिखते हुए या मांग की है कि विधानसभा परिसर में विधायकों की इलाज जूते से पिटाई करने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों और जवानों पर कार्रवाई की जाए.
CM के इशारे पर जिस तरह सदन के अंदर पुलिस के जूते और बंदूक की नोक पर विपक्षी सदस्यों को बर्बरता से लहूलुहान करते हुए “बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021” पास कराया गया वह लोकतंत्र के लिए घातक है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 9, 2021
राज्यपाल महोदय को पत्र लिख सरकार बर्खास्तगी व दोषी अधिकारियों पर कारवाई की माँग। pic.twitter.com/P8Ll9VYVSh
तेजस्वी यादव ने पत्र में लिखा है कि 'जैसा कि आपको विदित होगा बीते दिनों "बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 को सदन की मर्यादा और नियमावली के विरुद्ध प्रायोजित शोरगुल के मध्य पास कराया गया.
महामहिम! जनभावना के अनुरूप सदन के माननीय विधायकगण द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध मुख्यमंत्रीपी और उनको सिपहसलारों को नागवार गुजरा और उनके इशारेपर सदन के अंदर पुलिस प्रशासन द्वारा बर्बर तरीके की हिंसक कार्रवाई की गयी। संविधान के मूल्यों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विधायकों पर पुलिसिया हिंसा इस तथ्य का घोतक है कि 'विशेष पुलिस मत' को विशेष अधिकार प्रदान करना कितना घातका और खतरनाक हो सकता है.
महामहिम ! 23 मार्च यानि बिहार दिवस' के ठीक अगले दिन विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्रीजी के इरादे । इशारे के अनुरूप जिस प्रकार की आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया उससे विधानसभा की गौरवशाली परंपरा लहूलुहान हुई है. विपक्षी दलों के सभी माननीय सदस्यों पर मुख्यमपी सह गृह मंत्री की आज्ञा से हिंसक और अधिक बल प्रयोग में कई माननीय सदस्य गम्भीर रूप से घायल हुए और पीएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों में इलाजरत रहे हैं. इनमें से मखदूमपुर माननीय विधायक सतीश कुमार के सिर पर इतनी गम्भीर चोट आयी और वो पीएमसीएच के आईसीयू में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए जूझ रहे हैं. महिला विधायकों के साथ जिस तरीके से व्यवहार किया गया उसका आपके समक्ष वर्णन भी नहीं किया जा सकता है.
महामहिम 23 तारीख की इस बर्बर हिंसा में सदन के अन्दर बाहर से आगे पुलिस बल अराजक गुंडे मवाली की तरह व्यवहार कर रहे थे. आखिर किसके इशारे पर महिला विधायकों को घसीटा जा रहा था? किसके इशारे पर माल खींचे जा रहे थे और उनकी साड़ी खोली जा रही थी? महामहिम में लोकतंत्र के चीरहरण का ऐसा मंजर था, जिससे बिहारी मानस आहत हुआ है. महामहिम राज्य के अलग अलग हिस्सों से सुनकर आए ये माननीय विधायकगम करीबी लोगों की आकांक्षाओं और सरोकारों का प्रतिनिधित्व करते है. उनपर हुआ यह अमानवीय और बर्बर हिंसा मूलत: लोकतंत्र की नींव पर इमला है.
महामहिम आप संविधान के संरक्षक है. अत: हम आपसे ये गुहार लगाते कि आप अलोकतांत्रिक घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए इस अलोकतात्रिक और निरंकुश सरकार की बर्खास्तगी की सिफारिश करते हुए दोषी अधिकाधियों पर कार्रवाई करें. महामहिम आपके अवलोकनार्थ इस बर्बर हिंसा और जानलेवा हमले की सीडी संलग्न है.