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22-Oct-2019 07:51 AM
DELHI : स्वास्थ विभाग में अवैध तरीके से नियुक्त तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के वेतन और पेंशन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध तरीके से विभाग में काम कर रहे हजारों कर्मियों को झटका दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सार्वजनिक पदों पर अवैध तरीके से नियुक्त लोगों को वेतन पेंशन और अन्य भत्ते नहीं दिए जा सकते। जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने स्वास्थ्य विभाग के उन कर्मियों की याचिका खारिज कर दी जो अपनी नियुक्ति की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे।
आपको बता दें कि साल 1980 से 1990 के बीच स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर ऐसी नियुक्तियां हुई थी। जिनके लिए ना तो पद को स्वीकृत किया गया और ना ही विज्ञापन सहित अन्य प्रक्रियाओं का पालन किया गया। बाद के दिनों में जब अवैध तरीके से नियुक्त कर्मियों के बारे में विभाग को जानकारी मिलेगी तो उन्हें सेवा से हटा दिया गया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ यह कर्मी सुप्रीम कोर्ट गए थे जहां से उन्हें निराशा हाथ लगी।