Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह Bihar Crime News: बिहार से फरार दो बदमाश झारखंड से अरेस्ट, 28 साल से पुलिस को दे रहे थे चकमा NEET UG Result 2025: नीट 2025 परीक्षा में पटना के छात्रों का जलवा, आकाश इंस्टिट्यूट से अधिकतर टॉपर्स NEET UG Result 2025: नीट 2025 परीक्षा में पटना के छात्रों का जलवा, आकाश इंस्टिट्यूट से अधिकतर टॉपर्स
04-Oct-2024 08:22 AM
By First Bihar
DESK : तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी की कथित मिलावट के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। जिसमें अदालत की निगरानी में जांच की मांग समेत कई अन्य याचिकाएं शामिल हैं। न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए शुक्रवार सुबह सबसे पहले सुनवाई करने के लिए कहा। हालांकि, इससे पहले अदालत ने यह भी कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
दरअसल, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले में गुरुवार दोपहर को होने वाली सुनवाई शुक्रवार सुबह के लिए सुनिश्चित कर दी जाए। न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए शुक्रवार सुबह सबसे पहले सुनवाई करने के लिए कहा।
इससे पहले 30 सितंबर को को अदालत ने मेहता को यह निर्णय लेने में मदद करने के लिए कहा था कि तिरुपति लड्डू मामले की जांच राज्य द्वारा गठित एसआइटी से करवाई जाए या किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए।
अदालत ने यह भी कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा था कि प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट पूर्णतया स्पष्ट नहीं है क्योंकि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि अस्वीकृत किए गए घी का परीक्षण किया गया था।