ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: चर्चित 'देवर-भाभी' हत्याकांड में तीनों सीरियल किलर को उम्रकैद की सजा Bihar News: परिवहन विभाग की जांच के दौरान हादसे में पुलिसकर्मी घायल, मदद करने की बजाय मौके से फरार हुए अफसर Bihar News: सोशल मीडिया के जुनून ने ली जान की बाजी, युवक रेल इंजन पर चढ़कर हुआ घायल Life Style: नकली कॉफी से रहें सावधान, आपकी सुबह की चुस्की बिगाड़ सकती है सेहत Bihar News: विधान परिषद डाटा डिलीट मामले में SIT का गठन, CIBER SP की अगुआई में 6 सदस्यीय टीम करेगी जांच Bihar Crime News: गया में युवक की पीट-पीटकर हत्या, परिजनों का पुलिस के खिलाफ हंगामा Bihar News: इंडो-नेपाल बॉर्डर पर मानव तस्करी की कोशिश नाकाम, एक युवक गिरफ्तार Bihar News: बिहार को मिलेगा नया एयर कनेक्शन, इस एयरपोर्ट से उड़ानें होंगी जल्द शुरू Bihar News: पुलिस टीम पर हमले में 3 जवान घायल, अपराधियों की तलाश में छापेमारी जारी Bihar News: बिहार में गर्मी से बचाव का अनोखा ठिकाना, मिलेगा गोवा जैसा मजा; जानिए...

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 5 साल के बाद नौकरी छोड़ने वाले को मिलेगी ग्रेज्युटी

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 5 साल के बाद नौकरी छोड़ने वाले को मिलेगी ग्रेज्युटी

17-Apr-2020 11:38 AM

DELHI : सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।पांच साल लगातार सेवा करने बाद सेवा से इस्तीफा देने वाले कर्मचारी को पेमेंट ऑफ ग्रेट्यूटी एक्ट, 1972 के तहत  पूरी ग्रेच्युटी मिलेगी। इसमें कंपनी कोई कटौती नहीं कर सकती।


जस्टिस आर भानुमती की पीठ ने कहा कि धारा 4 के अनुसार ‘सेवा समाप्ति’ यानी टर्मीनेशन में सेवा से इस्तीफा देना भी शामिल है। पीठ ने यह फैसला राजस्थान परिवहन की अपील पर दिया जिसमे मृत कर्मचारी की पत्नी को ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया गया था।  इस कर्मचारी ने बीमारी के कारण सेवानिवृत्ति मांगी थी, लेकिन जब उसे रिटायर नहीं किया गया तो सेवा इस्तीफा दे दिया था। बाद में उसकी मृत्यु हो गई।


कोर्ट ने कहा यहां उसकी लगातार पांच वर्ष सेवा ही महत्वपूर्ण है। उसने सेवा से इस्तीफा दिया है,  उसका कोई अर्थ नहीं है। यह स्पष्ट है उसकी सेवा में ब्रेक नहीं है और उसने इस्तीफा देने तक पूर्ण सेवा की है। इसलिए वह ग्रेच्युटी का हकदार है।सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग की अपील खारिज कर दी और कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है कि कर्मचारी इस्तीफा देने पर भी ग्रेच्युटी लेने का अधिकारी होता है।  इसके लिए एक शर्त यही है कि कर्मी की सेवा पांच वर्ष तक लगातार होनी चाहिए।