बिहार में तेज रफ्तार का कहर: बेतिया, रोहतास और बेगूसराय में सड़क हादसे, दो की मौत, आठ घायल IIT पटना में बनेगा फायर टेस्टिंग और ट्रेनिंग सेंटर, भवन निर्माण विभाग और आईआईटी के बीच हुआ समझौता PATNA: महिलाओं में बढ़ते एंडोमेट्रियल कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम, विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव Bihar News: पटना में बनेगा फायर टेस्टिंग और ट्रेनिंग सेंटर, भवन निर्माण विभाग और IIT के बीच हुआ करार Bihar News: पटना में बनेगा फायर टेस्टिंग और ट्रेनिंग सेंटर, भवन निर्माण विभाग और IIT के बीच हुआ करार Bihar Transfer Posting: परिवहन विभाग में चार ADTO का तबादला, 4 में एक को दो जिलों का मिला जिम्मा SUPAUL: VIP नेता संजीव मिश्रा ने क्रिकेट टूर्नामेंट का किया उद्घाटन, खेल को जीवन का हिस्सा बनाने का दिया संदेश UP News: योगी सरकार ने बदल दिए पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम, अब इस नाम से जाने जाएंगे UP News: योगी सरकार ने बदल दिए पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम, अब इस नाम से जाने जाएंगे Bihar News: बिहार की इस नदी पर 9 करोड़ की लागत से बनेगा स्थायी पुल, यूपी से बढ़ जाएगी कनेक्टिविटी
30-May-2020 03:49 PM
PATNA : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। इस वक्त की जो बड़ी खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक ईडी ने 14 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सृजन घोटाले में कार्रवाई करते हुए जब्त की है। इनकी तरफ से की गई कार्रवाई में 14.32 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है जिनमें 20 फ्लैट, 18 दुकानें, 33 प्लॉट और एक कार भी शामिल है। इसके अलावे बैंक में रखा 4 करोड़ 84 लाख रुपए 20 जब्त किया गया है।
सूत्रों के हवाले से जो बड़ी खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक के प्रवर्तन निदेशालय ने पटना और भागलपुर के अलावे नोएडा गाजियाबाद पुणे और रांची में यह एक्शन लिया है ।सृजन घोटाले से जुड़े अभियुक्तों की संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है। नोएडा गाजियाबाद और भागलपुर में कुल 18 दुकानों को अटैच किया गया है।
बता दें कि भागलपुर में कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ के छह ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी। 2007-08 में भागलपुर में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खोला गया। इसके बाद विकास के नाम पर आने वाला सरकारी पैसा इस बैंक के खाते में ट्रांसफर होता था और इसके बाद यह पैसा यहां से निकालकर बाजार में पहुंचाया जाता था। इस पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बने। बताया जाता है कि इन एनजीओ के नाम पर अधिकारियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदला और करोड़ों रुपये का घोटाला किया। इस मामले में तत्काली डीएम पर भी चार्जशीट किया गया था।