1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Dec 2025 03:34:52 PM IST
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Patna Police: पटना के बिक्रम थानाध्यक्ष विनोद कुमार पर बालू और शराब माफियाओं से विदाई समारोह में उपहार लेने का आरोप लगा है। इसके बाद अब जांच में उन्हें दोषी पाया गया, लिहाजा अब इनके ऊपर विभागीय कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर एक लेख के माध्यम से यह जानकारी सामने आई थी कि तत्कालीन बिक्रम थानाध्यक्ष, विनोद कुमार ने अपने विदाई समारोह के दौरान शराब माफिया, बालू माफिया और अन्य अपराध से अर्जित संपत्ति जब्ती हेतु भेजे गए प्रस्ताव से संबंधित व्यक्तियों से उपहार (गिफ्ट) प्राप्त किए हैं। इसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) यानी सिटी एसपी (पश्चिमी) पटना ने स्वतः संज्ञान लिया और मामले की विस्तृत जाँच का आदेश दिया।
जाँच 24 घंटे के भीतर पूरी की गई और प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार दोषी पाए गए हैं। जाँच के दौरान सामने आया कि उन्होंने बिहार सरकार सेवक नियमावली-1976 के नियम 14 का उल्लंघन किया। इस नियम के तहत किसी भी सरकारी अधिकारी को उपहार स्वीकार करने के लिए निर्धारित प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होता है। विनोद कुमार द्वारा विदाई समारोह में प्राप्त उपहारों की उचित स्वीकृति नहीं ली गई, जिससे यह नियम का उल्लंघन माना गया।
इसके अलावा, बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1976 के नियम 15 के अनुसार, थानाध्यक्ष जैसे पद पर नियुक्त व्यक्ति को विदाई समारोह आयोजित करने के लिए सरकार की पूर्व स्वीकृति लेना आवश्यक है। जाँच में यह भी पाया गया कि विनोद कुमार ने बिना किसी पूर्व अनुमति के यह समारोह आयोजित किया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
विशेष रूप से जाँच में यह भी सामने आया कि उक्त विदाई समारोह में ऐसे लोग भी मौजूद थे जिनकी अपराधिक प्रवृत्ति थी। इस प्रकार की उपस्थिति न केवल "सामुदायिक पुलिसिंग" के उद्देश्य के खिलाफ है, बल्कि आम जनता के बीच पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास को भी कमजोर करती है। ऐसे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि समारोह का आयोजन पूरी तरह से अनुचित और नियमों के विपरीत हुआ।
इन निष्कर्षों के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) यानी सिटी एसपी (पश्चिमी) पटना ने तत्कालीन बिक्रम थानाध्यक्ष विनोद कुमार के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, उनके द्वारा प्राप्त उपहारों का मूल्यांकन अलग से कराया जाएगा। इस मामले में अग्रतर कार्रवाई हेतु वरीय पुलिस अधीक्षक पटना को अनुशंसा भेजी गई है।
पुलिस विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा उपहार लेना, नियमों की अनदेखी करना और अपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों के संपर्क में आना गंभीर मामला है। यह न केवल सरकारी कार्यप्रणाली के खिलाफ है, बल्कि आम जनता में पुलिस प्रशासन की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।वर्तमान में मामला अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक पटना को भेजा गया है।