ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में 21 से 23 जून तक माता ललिता महायज्ञ का आयोजन, देश भर से श्रद्धालुओं का होगा आगमन VIDEO VIRAL: बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रूपया: पैसों को लेकर छपरा में जमकर मारपीट, महिला और बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा GOPALGANJ: 8 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, दो आरोपियों को पुलिस ने दबोचा मधुबनी में बाइक चोर गिरोह का खुलासा: चोरी की 9 बाइक के साथ 3 गिरफ्तार घर की सफाई के दौरान महिला को जहरीले सांप ने काटा, डिब्बा में बंदकर सांप को अस्पताल ले गये परिजन, कहा..डॉक्टर साहब इसी ने डसा है गोपालगंज में 8 साल के बच्चे की मिली लाश, घर से कई दिनों से था लापता बिगड़ती कानून-व्यवस्था के सवाल पर लालू पर PK ने कसा तंज, कहा..लालू जी का अपराध पर बात करना, जंगल में शेर के शाकाहारी होने की बात करने जैसा है ARRAH: बिहार की बेटियों के लिए मेहंदी शिविर का आयोजन, अजय सिंह ने किया सम्मानित पटना में भीषण अगलगी की घटना, बिजली के तार के बंडल में आग लगने से मची अफरा-तफरी नीतीश सरकार की लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाकर हंसी के पात्र बन रहे लालू यादव, JDU का राजद सुप्रीमो पर जबरदस्त पलटवार

गया में एक ऐसा प्राइवेट स्कूल जहां सफाई रखने वाले बच्चों को दी जाती है फ्री में शिक्षा, भोजन और स्कूल ड्रेस भी मुफ्त

गया में एक ऐसा प्राइवेट स्कूल जहां सफाई रखने वाले बच्चों को दी जाती है फ्री में शिक्षा, भोजन और स्कूल ड्रेस भी मुफ्त

26-Jun-2019 03:15 PM

By 7

GAYA : भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में वैसे तो कई देशों के दानदाताओं के संस्था के द्वारा स्कूल संचालित है. लेकिन एक ऐसी संस्था भी है जो बच्चों को पढ़ाई के लिए हर सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराती है. बच्चों को फ्री में स्कूल ड्रेस, भोजन और शिक्षा दी जाती है. लेकिन इसके बदले में स्टूडेंट्स से पैसे लेने के बजाये अनोखा काम करवाया जाता है. पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर एक अनोखा कदम उठाया गया है. दरअसल कोरियन संस्था के द्वारा संचालित पदमपानी स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों को स्कूल के रास्ते में पड़े कचड़े और प्लास्टिक को अपने स्कूल में लाना पड़ता है. जिले में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से यह अनोखी पहल शुरू की गई है. बच्चे भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. वाटर बोतल और बुक्स के अलावा बच्चे हाथ में प्लास्टिक और कचड़ा लेकर स्कूल पहुंचते हैं. उसके बाद उसे स्कूल गेट पर रखे डस्टबिन में डालकर क्लासरूम में जाते हैं. बच्चें अपने वाटर बोतल की पानी को भी पेड़ों में डालते हैं और खाली बोतल को स्कूल में भरते हैं. अपने आसपास भी स्वच्छता बनाये रखने के लिए बच्चो को प्रेरित किया जाता है. स्कूल के प्रिंसिपल मीरा मेहता ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को सारी सुविधा इसलिए फ्री दी जाती है क्योंकि यहाँ आसपास के महादलित इलाके में गरीब बच्चे रहते हैं. तीन किलोमीटर तक कोई सरकारी स्कूल नहीं है. बच्चे शिक्षा से दूर ना हो इसके लिए यहां स्कूल खोला गया है. पर्यावरण बचाने, समाज को स्वच्छ रखने और बच्चो को शिक्षित बनाने के लिए यह अनोखी पहल शुरू की गई है. गया से पंकज की रिपोर्ट