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14-Oct-2022 08:36 PM
PATNA : करीब 22 वर्ष बाद कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग होनी है जबकि 19 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। अध्यक्ष पद की रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने सामने हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के बिहार दौरे के बाद शुक्रवार को शशि थरूर भी पटना पहुंचे और कांग्रेसियों से अपने समर्थन में वोट की अपील की। हालांकि उनके स्वागत में बिहार कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता नहीं पहुंचे। स्वागत में बड़े नेताओं के नहीं आने के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि पार्टी के बड़े नेता बदलाव नहीं चाहते हैं।
शशि थरूर ने कहा कि बिहार पहुंच कर उन्हें काफी खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि आगामी 17 अक्टूबर को होनेवाला चुनाव कांग्रेस को मजबूत करने का चुनाव है और पार्टी के अंदर के लोकतंत्र को दिखाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि 2024 में बीजेपी की चुनौती से निपटने के लिए कुछ बिखरे हुए वोटर को वापस लाने की जरूरत है। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि हर जगह राहुल गांधी को लोगों का अपार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि खड़गे हमारे विरोधी नहीं बल्कि हमारे साथी हैं, उनके खिलाफ कुछ नहीं बोल सकता।
उन्होंने कहा कि खड़गे और उनके काम करने के तरीके में फर्क हो सकता लेकिन पार्टी अगर मेरे दिए हुए बदलाव स्वीकार करें तो बेहतर बनेगी। हम पार्टी में विकेंद्रीकरण करना चाहते हैं। 17 तारीख को कांग्रेस नेताओं को वोट देने का मौका मिलेगा। जनता को लगना चाहिए हमारा भी कुछ महत्व है। उन्होंने कहा कि खड़गे जीते या वे खुद जीत पार्टी की होगी। स्वागत में बड़े नेताओं के नहीं आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बड़े नेता बदलाव नहीं चाहते हैं।
बता दें कि, शुरूआती दिनों के इस पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह के नामों की भी काफी चर्चा रही थी। हालांकि, दिग्विजय सिंह ने खड़गे को अपना समर्थन देते हुए अपना नाम वापस ले लिया था। उसी समय कांग्रेस के बागी गुट के सदस्य शशि थरूर ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद अब वो अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर अलग-अलग राज्यों में जाकर मत अपील भी कर रहे है। इसके साथ ही वो यह भी बयान दे चुके हैं कि उनके नाम से उनके ही पार्टी के कई नेता खुश नहीं है, इसी कारण वो लोग उनके प्रचार के दौरान गायब रहते हैं।