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सत्ता के लिए बीजेपी के आगे बेबस नीतीश : JDU के 6 विधायक तोड़ लिये लेकिन जुबानी विरोध भी नहीं कर पाये

सत्ता के लिए बीजेपी के आगे बेबस नीतीश : JDU के 6 विधायक तोड़ लिये लेकिन जुबानी विरोध भी नहीं कर पाये

25-Dec-2020 08:01 PM

PATNA : सियासत में ऐसा विरले ही होता है जब कोई पार्टी अपने सहयोगी दल के ही विधायकों को तोड़ ले. जेडीयू के साथ ऐसा ही हुआ. अरूणाचल प्रदेश में BJP ने जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है. ऐसा तब हुआ जब अरूणाचल में जेडीयू के विधायक बीजेपी सरकार का ही समर्थन कर रहे थे. लेकिन इससे ज्यादा हैरानी की बात ये रही कि जेडीयू जुबानी विरोध तक नहीं कर पायी. सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार बिहार की सत्ता के लिए बीजेपी के सामने पूरी तरह बेबस हो गये हैं.


बंद हो गयी नीतीश की जुबान
अरूणाचल प्रदेश में अपने 6 विधायकों के पाला बदलने की जानकारी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को आज सुबह ही मिली थी. जानकार बताते हैं कि उसके बाद नीतीश कुमार ने अरूणाचल प्रदेश में अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से बात कर मामले की पूरी जानकारी ली थी. लेकिन उसके बाद उनकी जुबान बंद हो गयी. पत्रकारों ने पूछा तो नीतीश बोले-ये सब कोई बात नहीं है. कल हमलोगों की पार्टी की मीटिंग है, उसमें बात करेंगे.


नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर एक शब्द नहीं बोला. दिलचस्प बात ये भी है कि अरूणाचल प्रदेश में बीजेपी को पर्याप्त बहुमत है. 60 सदस्यों वाले विधानसभा में बीजेपी के 41 विधायक थे. लिहाजा सरकार को दूर दूर तक कोई खतरा नहीं था. उपर से जेडीयू के 7 विधायक बीजेपी सरकार को ही समर्थन दे रहे थे. कोई ऐसी बाध्यता नहीं थी कि बीजेपी अपने सहयोगी पार्टी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कराये. लेकिन बीजेपी ने इस कारनामे को अंजाम दे दिया.


अब आलम ये है कि जेडीयू का कोई नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. हमने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जेडीयू के प्रभारी से भी राय जानने की कोशिश की. लेकिन वे भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए. जेडीयू बोले भी तो क्या. पार्टी जानती है कि अगर बीजेपी नाराज हुई तो बिहार में क्या कुछ हो सकता है.


सत्ता के लिए बेबस नीतीश
अरूणाचल में बीजेपी ने जेडीयू के साथ जो खेल किया वह सियासी मर्यादाओं के खिलाफ है. लेकिन जेडीयू चाहकर भी कुछ नहीं बोल सकती. नीतीश जानते हैं कि अगर बीजेपी के किसी एक्शन पर तल्खी दिखायी तो उसका नतीजा क्या हो सकता है. जेडीयू की कुल जमा पूंजी बिहार में सरकार ही है जो बीजेपी की कृपा से चल रही है. अगर बिहार की सरकार गयी तो फिर जेडीयू के पास कुछ बाकी नहीं बचेगा. बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश देख चुके हैं कि उनकी पार्टी का आधार कितना बच गया है. लिहाजा अरूणाचल के 6 विधायकों के लिए वे बिहार सरकार पर कोई खतरा आने नहीं देंगे.


बिहार के विधायकों और सांसदों पर भी खतरा
जेडीयू के एक नेता ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव हों या बिहार विधानसभा चुनाव, दोनों में जीतने वाले ज्यादातर सांसद और विधायक जानते हैं कि वे नरेंद्र मोदी के नाम के सहारे ही चुनाव जीत कर आये हैं. लिहाजा नीतीश अगर बीजेपी के खिलाफ स्टैंड लेते हैं तो बिहार में भी उनके सांसदों और विधायकों में सेंधमारी हो जाने का खतरा है. लिहाजा फिलहाल नीतीश कुमार कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं.