Kesari Chapter 2: ‘केसरी चैप्टर 2’ 18 अप्रैल को रिलीज के लिए तैयार, एडवांस बुकिंग में धमाकेदार शुरुआत; अक्षय-अनन्या की जोड़ी मचाएगी तहलका Minor girl sold by parents : कौशाम्बी में मानवता शर्मसार...माता-पिता ने बेटी का 5 लाख में किया सौदा, किशोरी ने खुद बताई आपबीती गोपालगंज में दिनदहाड़े युवक को मारी गोली, बाइक सवार अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम Bihar IPS Officers: बिहार से दिल्ली जा रहे 2 आईपीएस अफसर, बिहार सरकार ने किया रिलीज, जानें... Corrupt CO Bihar : बिहार सरकार के भ्रष्ट CO प्रिंस राज के घर छापेमारी में डिग्री फर्जीवाड़ा उजागर, पिता ने क्या कहा? Gaya development News: बिहार के इस जिले में 15.66 करोड़ में 102 योजनाओं का मंत्री ने किया शिलान्यास इस फोरलेन के बनने से कम होगी बिहार से झारखंड की दूरी, इन जिलों को भी मिलेगा फायदा National Herald: नेशनल हेराल्ड पर बोले डिप्टी सीएम सम्राट... “कांग्रेस ने देश को लूटा, आजादी के सेनानियों का किया अपमान” Success Story: बिना कोचिंग के बिहार की बेटी UPSC क्रैक कर बनीं IAS, दूसरे प्रयास में हासिल किया 208 रैंक प्रेमिका से मिलने की सजा: घरवालों ने सेविंग ब्लेड से काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, अस्पताल में ज़िंदगी-मौत की जंग
10-Jun-2023 12:07 PM
BUXER : बिहार के बक्सर जिले के लोगों की आखें उस वक्त नम हो गई जब यहां के लाल और थल सेनामें हवलदार पर तैनात संजय कुमार चौबे का पार्थिव शरीरको तिरंगे में लिपटा हुआ उनके गांव पहुंचा। सेना की गाड़ी को देख लोगो भीड़ उमड़ पड़ी। सभी लोग इस शहीद जवान के शव की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। सेना के जवानों ने सम्मान के साथ कंधे पर उठाकर उनके शव को घर के दरवाजे तक ले गए। इस दौरान भारत माता की जयकारे से पूरा इलाका गूंज रहा रहा था।
दरअसल, जवान संजय कुमार की तैनाती जम्मू में थी और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। उनका इलाज कोलकाता में चल रहा था। जंहा उन्होंने अंतिम सांस ली। इनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में सन्नाटा छा गया। संजय मूल रूप से सदर प्रखंड के करहंसी पंचायत के जरीगांवा निवासी मैनेजर चौबे की इकलौते संतान थे, वो काफी मिलनसार प्रवृति के थे। वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
वहीं, जवान के शव पहुचने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि संजय बहुत ही व्यवहारिक और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। यह जब भी छुट्टियों में गाँव आते थे सभी से मिलजुलकर रहते थे। उनके अचानक चले जाने से गांव-समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। अब आर्मी जवान के साथी सैनिकों ने सम्मान के साथ पार्थिक शरीर को उनके पैतृक गांव जरीगवा गांव लाया।
इधर, जवान के श्मशान घाट शव यात्रा के दौरान भारत माता की जय, शहीद जवान अमर रहे के नारे लगते रहे। श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ सैनिकों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। जिसके बाद मृतक की पत्नी 10 वर्षीय पुत्री, 8 वर्षीय पुत्र और 6 वर्षीय पुत्र भी श्मशान घाट पर पहुंचे। संजय के पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी।