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27-Jul-2021 07:03 PM
PATNA: बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद सदस्यों द्वारा प्रश्नकाल के दौरान सदन में पूछे गए सवालों का जबाव दिया। उन्होंने कहा कि बिहार उद्योगों के मामले में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले कुछ महीनों की उपलब्धियां अत्यंत उत्साहवर्धक हैं। राज्य के सभी जिलों के लिए निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। अब कोई जिला अछूता नहीं बचा है।
उन्होंने सदन में रखे गए जवाब में कहा कि वर्तमान सरकार में बिहार में 34089.17 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिनमें इथेनॉल उद्योगों की स्थापना के लिए कुल 30008.45 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार का कोई जिला ऐसा नहीं बचा है जहां उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव न आया हो।
बिहार विधान परिषद सदस्य केदार नाथ पांडेय ने सवाल पूछा था कि बिहार में कितने जिलों में और किस किस तरह के उद्योगों की स्थापना के लिए प्रस्ताव आए हैं और बिहार में उद्योगों की स्थापना को लेकर जो चर्चाएं हो रही है, उसकी वास्तविक स्थिति क्या है।
इसके जवाब में शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के लिए निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। अब कोई जिला अछूता नहीं बचा है और ये प्रस्ताव बिहार में हर तरह के उद्योगों की स्थापना के लिए हैं, लेकिन इथेनॉल उद्योगों की स्थापना के लिए आए प्रस्ताव सर्वाधिक हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में जिन प्रक्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव मिले हैं, उनमें शामिल हैं – खाद्य प्रसंस्करण, इथेनॉल उत्पादन, ऑक्सीजन उत्पादन, प्लास्टिक और रबड़, पर्यटन, हेल्थ केयर, टेक्सटाईल, अक्षय ऊर्जा, लघु यंत्र विनिर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उदयोग व अऩ्य।
शाहनवाज हुसैन ने सदन के पटल पर ये जानकारी भी दी कि बिहार में उद्योगों की स्थापना हेतु राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद के द्वारा सितंबर 2016 से अब तक 1551 इकाइयों को स्टेज -1 क्लियरेंस दिया गया है और इनमें से 362 इकाईयों के प्रस्तावों पर वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस पर भी सहमति प्रदान कर दी गई है।
जहां तक वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल का सवाल है तो 16 नवंबर 2020 से लेकर 18 जुलाई 2021 तक के आंकड़ों को ही देखें तो इस दौरान भी कुल 433 ईकाइयों को स्टेज 1 क्लियरेंस दी गई है, इनमें से 59 ईकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस दिया जा चुका है।
राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस हेतु प्राप्त इकाइयों में से अब तक 299 ईकाईयां कार्यरत्त हो चुकी हैं और 122 ईकाईयां अभी विनिर्माण के विभिन्न चरणों में है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उद्योग विभाग लगातार इस कोशिश में जुटा है कि जिन ईकाईयों को राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई हैं वो जल्द से जल्द तैयार हो जाएं और उत्पादन शुरु हो।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में शाहनवाज हुसैन ने सदन को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना उद्योग विभाग के संकल्प ज्ञापांक – 782 के तहत 17 मई 2018 से लागू है। साथ ही 4 फरवरी 2020 से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना में अति पिछड़ा वर्ग को भी शामिल कर लिया गया।
उक्त उद्यमी योजना के अंतर्गत अब तक अनुसूचित जाति/जनजाति के 3732 लाभुकों को प्रथम किस्त, 3182 लाभुकों को द्वितीय किस्त और 1418 लाभुकों को तृतीय/अंतिम किस्त का भुगतान किया गया है। अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के 1272 लाभुकों को प्रथम किस्त, 616 लाभुकों को द्वीतीय किस्त और 138 लाभुकों को तृतीय/अंतिम किस्त का भुगतान किया गया है।