ब्रेकिंग न्यूज़

JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग! Life Style: हार्ट अटैक से पहले आपका शरीर देता है कई संकेत, अगर यह परेशानी है तो तुरंत टेस्ट कराएं सजना-संवरना बन गया बड़ी मुसीबत: पत्नी ने कराया फेसियल, तो पति ने ससुराल में ही कर दिया बड़ा कांड CBI Raid in Patna: पटना में CBI का बड़ा एक्शन, छापेमारी कर शातिर को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला?

हालात से बेबस एक परिवार ने छोड़ी जीने की इच्छा, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांगी मौत

हालात से बेबस एक परिवार ने छोड़ी जीने की इच्छा, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांगी मौत

16-Jul-2019 06:31 PM

By 11

ROHTAS: जिले के संझौली प्रखंड का रहने वाला एक परिवार इच्छा मृत्यु चाहता है. इसके लिए परिवार की मुखिया की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया है. जिसमें पूरे परिवार के साथ मृत्यु की मांग की गयी है. https://www.youtube.com/watch?v=nCN3Jba6uiY दरअसल संझौली प्रखंड के छुलकार गांव के रहने वाले देवमुनी सिंह के तीन बेटे है. और तीनों के तीन बेटे एक के बाद एक दिव्यांग होता चला गया. तीनों बच्चे जन्म से दिव्यांग नहीं थे. बल्कि एक के बाद एक दिव्यांग होते चले गए. बच्चों के इलाज के लिए देवमुनी सिंह ने अपनी जमीन तक बेच डाली. लेकिन उनका बच्चा ठीक नहा हो सके. अब तो हालात ऐसी हो गयी है कि उनके पास मिट्टी का एक मकान छोड़ कुछ भी नहीं है. बच्चों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. और पिता देवमुनी सिंह इतने बेबस हो गए है कि इन बच्चों का इलाज भी नहीं करा पा रहे है. उधर सिविल सर्जन डॉक्टर जनार्दन शर्मा को देवमुनी सिंह के बेटों की बीमारी के बारे में पता चला तो खुद वो गांव गए और उनका इलाज करने की कोशिश की. डॉक्टर साहब की कोशिश आज भी जारी है. लेकिन स्थिति में कोई सुधार आजतक नहीं हो पाया है. इस परिवार को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर दो बच्चों को दिव्यांगता पेंशन मिल रहा है. लेकिन यह नाकाफी है. अब तो ऐसी हालात हो गयी है कि पूरा परिवार दाने दाने को मोहताज हो गया है.