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29-Oct-2022 07:44 AM
PATNA : बोचहां विधानसभा उपचुनाव के दौरान बागी तेवर अपनाने और विधान परिषद में अपना उम्मीदवार देने की वजह से मुकेश सहनी एनडीए से बाहर हो गए थे। बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीधे–सीधे से कह दिया था कि मुकेश सहनी को हटाया जाए। नीतीश सरकार में मंत्री रहे सहनी की कुर्सी भी चली गई और उनके सभी विधायक भी बीजेपी अपने साथ ले उड़ी। अब एक बार फिर से बिहार में दो सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहा है और सहनी ने बिना शर्त महागठबंधन को समर्थन दिया है। आरजेडी के दोनों उम्मीदवारों को मुकेश सहनी ने अपना समर्थन देने का ना केवल ऐलान किया बल्कि अपने तरफ से गोपालगंज और मोकामा के मतदाताओं को संदेश भी जारी किया। इस सबके बावजूद मुकेश सहनी चुनाव प्रचार के लिए अब तक मैदान में नहीं उतरे हैं। सहनी ने बिना शर्त आरजेडी के उम्मीदवारों को समर्थन दिया इसके बावजूद महागठबंधन की तरफ से उनके चुनाव प्रचार को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है।
मुकेश सहनी फिलहाल चुनावी शोरगुल से दूर अपने परिवार के साथ छठ पूजा में व्यस्त हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक के सहनी अपने पैतृक घर दरभंगा में छठ पूजा में शामिल हो रहे हैं और चुनाव प्रचार का फिलहाल उनका कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। वीआईपी इस मसले पर कुछ भी नहीं बोलना चाहती। वीआईपी का सीधा स्टैंड है कि बीजेपी को हराने के लिए उन्होंने आरजेडी के उम्मीदवारों का समर्थन किया है। महागठबंधन के उम्मीदवार जीते यह मुकेश सहनी चाहते हैं लेकिन चुनाव प्रचार को लेकर अब तक पत्ता नहीं खोला गया है। उधर आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक मुकेश सहनी के चुनाव प्रचार या कार्यक्रम को लेकर पार्टी नेतृत्व ने फिलहाल कुछ भी नहीं किया है। 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक सभी छठ पूजा में व्यस्त रहेंगे, इस दौरान शायद ही चुनाव प्रचार के लिए बड़े नेता मैदान में उतरें। 1 नवंबर को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है ऐसे में क्या मुकेश सहनी 1 नवंबर को चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे यह अपने आप में एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
सियासी गलियारे में यह चर्चा भी है कि जब मुकेश सहनी ने एकतरफा तौर पर बिना शर्त आरजेडी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन की घोषणा कर दी तो महागठबंधन के नेताओं ने उनके चुनाव प्रचार को लेकर संपर्क क्यों नहीं साधा? डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई? सियासी जानकार इस मामले में बिहार के अंदर अगले विधानसभा उपचुनाव का बता रहे हैं। कुढ़नी विधानसभा सीट पर भी भविष्य में चुनाव होना है, यह सीट आरजेडी के विधायक अनिल सहनी की सदस्यता जाने के बाद खाली हुई है। मुकेश सहनी की नजर कुढ़नी सीट पर है। जानकार मानते हैं कि सहनी हर हाल में इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेंगे और उन्हें उम्मीद भी होगी कि महागठबंधन की तरफ से समर्थन मिल जाए। ऐसे में महागठबंधन के नेता भी कुढ़नी के नजरिए से सोच समझकर मुकेश सहनी से नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। बीजेपी का विरोध मौजूदा उपचुनाव में करने के बाद मुकेश सहनी अब केवल महागठबंधन के पाले में जाने के विकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि मोकामा और गोपालगंज में सहनी का फैक्टर किस कदर काम करता है और क्या आरजेडी को उनके समर्थन का फायदा मिल पाता है।