आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली Bihar Crime News: दरभंगा में आधी रात भीषण डकैती, परिवार को बंधक बना बदमाशों ने की जमकर लूटपाट Bihar News: नाबालिग से गैंगरेप मामले में 8 दोषियों को उम्रकैद, 5 लाख मुआवजे का भी आदेश
30-Aug-2024 02:11 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करने और उनकी नकल उतारने के लिए विधान परिषद से निष्कासित राजद नेता सुनील सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उसके बाद कोर्ट ने सुनील सिंह की याचिका पर विधान परिषद अध्यक्ष कार्यालय को नोटिस जारी किया। जानकारी हो कि, मानसून सत्र के दौरान पिछले महीने आचार समिति की सिफारिश पर सुनील सिंह की सदस्यता रद्द हुई थी।
मिली जानकारी के अनुसार,राजद के पूर्व विधान पार्षद सुनील सिंह ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करने और उनकी नकल उतारने के आरोप में सुनील सिंह की विधान परिषद से सदस्यता चली गई थी। राजद ने आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार संसदीय परंपरा का उल्लंघन कर रही है।
इसके बाद सुनील सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विधान परिषद कार्यालय को नोटिस जारी किया है। इससे पहले पिछले महीने (जुलाई) में विधान परिषद की आचार समिति की सिफारिश पर सुनील सिंह की सदस्यता रद्द हुई थी। राजद एमएलसी सुनील सिंह पर बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मिमिक्री कर मजाक उड़ाना भारी पड़ गया। मामला बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार के साथ सदन में दुर्व्यवहार से जुड़ा था।
उधर, इस मामले में राजद कहा कि ज्यादा से ज्यादा सजा ये होनी चाहिए था कि पीठासीन पदाधिकारी इस मामले की भर्त्सना करवाकर मामले पर चर्चा करवा लेते लेकिन यहां तो सफाई रखने तक का मौका नहीं दिया गया। सुनील सिंह ने आचार समिति के सभापति से लिखित में मांगा था कि उनका दोष क्या है और उन्हें किस मामले में दंडित किया जा रहा है, लेकिन उसका कोई भी साक्ष्य, तथ्य या सबूत नहीं दिया गया।