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26-Jan-2021 08:34 PM
PATNA : पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामविलास पासवान को पद्मभूषण दिये जाने के केंद्र सरकार के फैसले से क्या जेडीयू में बेचैनी है. संकेत ऐसे ही दिख रहे हैं. नीतीश कुमार से लेकर रामचंद्र प्रसाद सिंह यानि आरसीपी सिंह की प्रतिक्रियायें ये बताने के लिए काफी हैं कि जेडीयू में कुलबुलाहट है. लेकिन हालात ऐसे हैं कि जेडीयू के नेता खुलकर कुछ बोल नहीं सकते.
जेडीयू की बेचैनी झलकी
सोमवार को जब केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का एलान किया तो रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण दिये जाने की खबर मिली. केंद्र सरकार के एलान के बाद नीतीश कुमार की ओर से एक औपचारिक प्रेस रिलीज जारी की गयी. इस प्रेस रिलीज में रामविलास पासवान, मृदुला सिन्हा समेत बिहार के सभी पांच लोगों को पद्मसम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की गयी. रामविलास पासवान औऱ नीतीश कुमार ने लंबे अर्से तक एक साथ राजनीति की थी. लेकिन नीतीश कुमार ने स्व. पासवान को लेकर कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी. रूटीन तरीके से सम्मान पाने वाले सभी लोगों को बधाई दे दी गयी.
आरसीपी सिंह भी नीतीश की राह चले
मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में झंडोत्तोलन करने के बाद जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन्हें रोका. पद्म सम्मानों को लेकर सवाल पूछा गया. जवाब में आरसीपी सिंह बोले-हम पद्म सम्मान पाने वाले सभी बिहारियों को बधाई देते हैं. जिन्हें मरणोपरांत ये सम्मान मिला है उनके परिजनों को हमारी शुभकामनाये हैं. आरसीपी सिंह ने स्व. रामविलास पासवान का नाम नहीं लिया.
पत्रकारों ने फिर सवाल पूछा-क्या रामविलास पासवान को पद्म भूषण दिये जाने से ये संकेत मिल रहा है कि बीजेपी में अभी भी लोजपा के लिए सॉफ्ट कार्नर है. आरसीपी सिंह भड़क गये. उन्होंने कहा “आप लोग सभी बातों को एक ही नजरिये से क्यों देखते हैं. पद्म सम्मानों का पार्टी से क्या लेना देना. तरूण गोगई किस पार्टी के नेता थे. उन्हें भी तो पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.”
JDU के एक वरीय नेता की मानें तो पार्टी के अंदर भाजपा और लोजपा के संबंधों को लेकर बेचैनी है. पद्म सम्मानों की सूची में स्व. रामविलास पासवान का नाम देख कर बेचैनी बढ़ी है. वैसे भी लगातार ये खबरें आ रही हैं कि नरेंद्र मोदी कैबिनेट के अगले विस्तार में चिराग पासवान को भी जगह मिल सकती है. ऐसी खबरों से जेडीयू पहले से ही परेशानी में है.
दरअसल जेडीयू नेता बार बार ये कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में उनकी बुरी हालत के लिए चिराग पासवान जिम्मेवार हैं. पार्टी ये मानती है कि चिराग पासवान के कारण ही ये स्थिति उत्पन्न हुई कि नीतीश कुमार को बीजपी की कृपा का मुख्यमंत्री कहा जा रहा है. जेडीयू बार-बार ये कह रही है कि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा अब एनडीए का हिस्सा नहीं है. लेकिन बीजेपी के किसी जिम्मेवार नेता ने अब तक ये नहीं कहा है कि लोजपा को एनडीए से निकाल दिया गया है. बीजेपी की यही चुप्पी जेडीयू की बेचैनी का बड़ा कारण बना हुआ है.