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28-Sep-2021 10:07 PM
PATNA: रेलवे इंजीनियर के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्वोतर रेलवे के जमालपुर वर्कशॉप के तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव की करोड़ों की संपत्ति जब्त की गयी है। आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 करोड़ 44 लाख 19 हजार 298 रुपए की चल-अचल संपत्ति को ईडी ने जब्त किया है। चंदेश्वर प्रसाद यादव को पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जो फिलहाल जेल में हैं।
प्रवर्तन निदेशालय की माने तो 2013 से 2017 तक जमालपुर स्थित रेल कारखाना में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर चंदेश्वर प्रसाद यादव तैनात थे। इस दौरान उन्होंने यह संपत्ति अर्जित की थी। जब्त की गयी संपत्ति खुद उनके नाम तो है ही साथ ही पत्नी उर्मिला देवी, बेटा भरत भूषण और शशि भूषण के नाम पर भी है। अर्जित संपत्ति उनकी आय के स्रोतों से अधिक है। आय से अधिक संपत्ति को लेकर सीबीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। जांच के दौरान यह पाया गया कि 2013 से 2017 के बीच वेतन से इन्हें करीब 38 लाख रुपए मिले लेकिन इसी दौरान उन्होंने 2,37,96,990 अपने और परिजनों के नाम पर विभिन्न बैंकों के अकाउंट में जमा कराए।
गौरतलब है कि रेलवे का स्क्रैप बेचने के मामले में ईडी ने चंद्रेश्वर प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था। इस मामले में मेसर्स श्री महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रेलवे के स्क्रैप को मोटी रकम लेकर महारानी स्टील को औने-पौने दाम में बेचे जाने का आरोप था। ऐसा करने से रेलवे को लगभग 34 करोड़ रुपये का चूना लगा था। स्क्रैप के कस्टोडियन तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव ही थे।
इस मामले में कंपनी के फाइनेंसर राकेश कुमार ने बताया था कि उक्त स्क्रैप को खरीदने के लिए रेलवे के पदाधिकारियों को मोटी रकम दी गयी थी। इस मामले में CBI ने भी 9 फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया था। ईडी ने इस मामले को 28 फरवरी 2020 में दर्ज की थी। पूछताछ के बाद तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव व मेसर्स महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार के नाम सामने आये थे। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था।