ब्रेकिंग न्यूज़

Red Chilli Benefits: स्वाद का तड़का या सेहत का खजाना है लाल मिर्च? जानिए... इसके चौंकाने वाले फायदे BPSC 71st Preliminary Exam : धांधली की मिलती है जानकारी तो इस तरह करें शिकायत, आयोग ने हरके सवालों का दिया जवाब Kiku Sharda: ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ छोड़ा या नहीं? कीकू शारदा ने तोड़ी चुप्पी, जानिए... पूरी डिटेल Bihar Crime News: घर से लापता युवक का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने हत्या की जताई आशंका Bihar Crime News: घर से लापता युवक का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने हत्या की जताई आशंका 'मद्य निषेध' में जारी है खेल, कहां सोई है सुशासन की सरकार ? चहेते के लिए पटना के सहायक आयुक्त ने लांघी सारी सीमाएं ! दारोगा को पहले रिलीव किया...फिर खुद ही रद्द कर JP सेतु पर कर दी पोस्टिंग, सफाई तो और भी हैरान करने वाली है... Tongue Color: क्या आपकी जीभ भी बदल रही है रंग? जानें... कौन-सा रंग है किस बीमारी का लक्षण BIHAR CRIME : बेतिया में मिला युवक का शव, आंख पर नुकीले हथियार से वार के निशान, इलाके में दहशत Bihar Police: सीमावर्ती थानों में कमजोर नेटवर्क चिंता का विषय, चुनाव से पहले इस गंभीर समस्या के समाधान में जुटी बिहार पुलिस Bigg Boss 19: ऐसा क्या कह दिया तान्या मित्तल, फैंस हुए नाराज; खूब हो रहीं ट्रोल

रडार पर बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी को मिली नोटिस

रडार पर बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी को मिली नोटिस

23-Jan-2020 06:57 PM

PATNA : बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज द्वारा दर्ज करायी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है.  नोटिस में मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव को ब्रांड प्रोटेक्शन द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग को आठ सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.


8 ड्रग इंस्पेक्टरों में विश्वजीत दासगुप्ता, क्यूमुद्दीन अंसारी जैसे नाम भी शामिल हैं. जिनके ऊपर गाज गिर सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि उन्हें अब तक आयोग के आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. आयोग की प्रति मिलने पर वह आदेश के अनुरूप मामले को देखेंगे. बता दें कि पटना के पीरबहोर थाना इलाके के जीएम रोड में बीते 21 नवंबर और राजीव नगर थाना इलाके में हुए दवा छापेमारी मामले में दवा माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर कुछ ड्रग इंस्पेक्टरों के रडार पर आने की बात सामने आयी थी. बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा था.


आरोप है कि दवा छापेमारी के बाद नकली दवाएं पकड़ी जाती हैं, लेकिन थानों में जब एफआइआर करा के आरोपितों पर कार्रवाई करने की बात आती है तो संबंधित इंस्पेक्टर अपना हाथ पीछे खींच लेते हैं. ब्रांड प्रोटेक्शन के प्रबंध निदेशक सैयद मुस्तफा हुसैन ने आयोग में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी संस्थान दवा के काले कारोबारियों की कारनामों को उजागर करने के लिए औषधि नियंत्रक की भांति दवा कंपनियों की जांच करता है और इसी कड़ी में उसके द्वारा कई बड़ी कार्रवाई की गयी हैं तथा दवा के अवैध कारोबार को उजागर किया गया है.



ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज की इस कार्रवाई के एवज में प्रदेश के औषधि नियंत्रक और सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. इसको लेकर उनके द्वारा पूर्व लोकायुक्त में भी शिकायत की गयी थी. जिस पर लोकायुक्त ने मार्च तक औषधि विभाग को कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, साथ ही कंपनी के निदेशक और निगरानी की भी टीम को शामिल करने के लिए कहा गया था. जिस पर लोकायुक्त ने औषधि नियंत्रकों को फटकार लगायी थी.