यह चुनाव मात्र सरकार बदलने का नहीं, धोखा देने वालों से बदला लेने का भी समय है: मुकेश सहनी जमुई में आचार संहिता उल्लंघन: जदयू प्रत्याशी सुमित सिंह के स्वागत में जुटे 50 लोगों पर केस दर्ज, दो नामजद श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम
10-Jun-2022 08:35 AM
PATNA : देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग में गुरुवार को पूरा शेड्यूल जारी कर दिया और इसके साथ बिहार में एक बार फिर नई सियासी बहस को जेडीयू ने हवा दे दी. जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने यह बयान देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में राष्ट्रपति बनने की सभी योग्यताएं हैं. श्रवण कुमार ने यह भी कहा कि अगर राष्ट्रपति बनते हैं बल्कि बिहार की जनता को भी खुशी होगी. ऐसा नहीं है की राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश का नाम पहली दफे आगे किया गया हो. इसी साल फरवरी महीने में इस बात की चर्चा शुरू हुई थी लेकिन इसके बाद में नीतीश ने खुद इन अटकलों को खारिज कर दिया था.
दरअसल नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पहल सबसे पहले प्रशांत किशोर ने शुरू की थी. प्रशांत किशोर ने गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात कर इस से चर्चा की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में जब इस कुमार ने इसे अटकल बताया तो प्रशांत किशोर भी हाथ जोड़कर किनारे हो लिये. प्रशांत किशोर अब बिहार में जन सुराज अभियान चला रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब नीतीश कुमार ने खुद इस अटकल बताते हुए खारिज कर दिया था तो उन्हीं की पार्टी के नेता फिर इस चर्चा को क्यों हवा दे रहे हैं. यह बात भी गले से नीचे उतरना संभव नहीं कि नीतीश कुमार की मर्जी के बगैर उनकी उम्मीदवारी को लेकर पार्टी का कोई नेता बयान दे. श्रवण कुमार की पहचान ऐसे नेता के तौर पर रही है, जो नीतीश कुमार से अलग जाकर कुछ भी नहीं सोचते. तो क्या वाकई नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करना चाहते हैं या फिर अपने आप को उस काबिल बता कर वह बीजेपी के सामने यह बात रखना चाहते हैं कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के काबिल होने के बावजूद उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई.
नीतीश कुमार को अगर वाकई बीजेपी राष्ट्रपति बनाना चाहे और नीतीश इसके लिए तैयार हो जाएं तो इसमें कोई अड़चन नजर नहीं आती, लेकिन बीजेपी का मौजूदा नेतृत्व ऐसा क्यों करेगा, ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है. अगर बीजेपी ने देश को उम्मीदवार नहीं बनाती है तो वह विपक्षी खेमे से उम्मीदवार बन सकते हैं. नीतीश कुमार के पक्ष में यह बात जा सकती है कि जातीय जनगणना के मसले पर स्टैंड लेने के कारण वह केरल से लेकर उड़ीसा तक के जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के स्टैंड के साथ नजर आते हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मामले पर किसके साथ आ सकती हैं. नीतीश कुमार की उम्मीदवारी होगी या नहीं यह तो भविष्य बताएगा लेकिन फिलहाल अगर जेडीयू ने इस चर्चा को नए सिरे से हवा दी है तो अंदर कुछ न कुछ जरूर चल रहा है.