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12-Mar-2024 09:31 AM
By First Bihar
DESK: सोमवार को गृह मंत्रालय की तरफ से अधिसूचना जारी करने के बाद देश के करीब-करीब सभी राज्यों में सीएए यानि नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया हालांकि, कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां यह कानून लागू नहीं होगा। पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में यह कानून लागू नहीं हो सकेगा।
दरअसल, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा, जिनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल है। इस कानून के नियमों के मुताबिक जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदों का गठन किया गया था, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है।
ये स्वायत्त परिषदें असम, मेघालय और त्रिपुरा में अस्तित्व में हैं। इस कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा, जहां देश के अन्य हिस्सों के लोगों को यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की जरूरत है। बता दें कि, इनर लाइन परमिट पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत नागरिकता प्रदान करेगा।