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सोनू सूद की मदद से प्रेगनेंट पत्नी को लेकर दरभंगा पहुंचा था प्रवासी मजदूर, बेटे के नामकरण के लिए अभिनेता को बुला रहा बिहार

सोनू सूद की मदद से प्रेगनेंट पत्नी को लेकर दरभंगा पहुंचा था प्रवासी मजदूर, बेटे के नामकरण के लिए अभिनेता को बुला रहा बिहार

11-Aug-2020 12:29 PM

By PRASHANT KUMAR

DARBHANGA  : लॉकडाउन में अभिनेता सोनू सूद की मदद से घर वापस लौटे बिहार के दरभंगा के एक दंपति ने अपने बेटे का नाम सोनू सूद के नाम पर रखा है . इस दंपति की ख्वाहिश है कि सोनू सूद दरभंगा आ कर खुद इस बच्चे का नामकरण करें.


कोरोना के मद्देनजर लागू संपूर्ण लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों के लिए जो काम अभिनेता सोनू सूद ने किया उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. ऐसे में मुश्किल घड़ी में अभिनेता की मदद से घर वापस लौटे बिहार के दरभंगा के एक दंपति ने अपने बेटे का नाम अभिनेता के नाम पर रखा है.  इस दंपति की ख्वाहिश है कि सोनू सूद दरभंगा आ कर खुद इस बच्चे का नामकरण करें और बच्चे को गोद में ले. ये चाहते हैं कि यह बच्चा भी सोनू सूद के जैसा विचारों वाला हो और बड़ा होकर जरुरतमंद की मदद करे.  

बताया जा रहा है कि दरभंगा के तारडीह ब्लॉक के लगमा रामभद्रपुर के वार्ड संख्या-5 के रहने वाले रामलल्ला उर्फ फूल नारायण चौधरी अपनी 8 माह की गर्भवती पत्नी गुड़िया चौधरी और दो छोटी बेटियों के साथ मुम्बई के गोरे गाँव वेस्ट के भगत सिंह नगर में किराए का कमरा लेकर रहते थे. जीविकोपार्जन के लिए OLA कैब और प्राइवेट टूरिस्ट कार, टैक्सी चलाते थे.


लॉकडाउन के बाद उनका काम बंद हो गया. ऐसे में जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया उनकी स्थिति खराब होती चली गई. सारे काम-धंधे बन्द हो गए थे, ऊपर से गर्भवती पत्नी और कोरोना होने का डर. जिंदगी से निराश हो चुके फूल नारायण को एक वॉचमैन से सोनू सूद के वॉचमैन का लिंक मिला. ऐसे में रामलल्ला चौधरी सोनू सूद के बंगले पर जा पहुंचे और अभिनेता से मिलाने की इच्छा जताई.


वॉचमैन ने उनको एक फॉर्म दिया, जिस पर उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर लिख कर दे दिया .दो दिनों बाद उनके मोबाइल पर सोनू सूद ने फोन किया और उनकी सारी तकलीफें जानने के बाद तत्काल उनके खाने-पीने और दवा की व्यवस्था कराई . इसके बाद 25 जून को सोनू सूद ने गाड़ी भेज इन्हें बुलाया और अपने साथ रेलवे स्टेशन ले जाकर स्पेशल ट्रेन जो मुम्बई से समस्तीपुर आ रही थी, उसमें पानी और जगह-जगह खाने पीने की व्यवस्था करवा इन्हें घर पहुँचाने की व्यवस्था की और घर पहुँचने के बाद भी हाल चाल जाना. बिहार के दरभंगा आने के बाद 15 जुलाई को रामलल्ला और गुड़िया को एक बेटा हुआ जिसका नाम इनलोगों ने सोनू सूद के नाम पर रख दिया है.