BJP Candidates : बीजेपी ने तीन उम्मीदवारों के नाम किए घोषित, एक मुस्लिम कैंडिडेट के नाम का हुआ एलान Bihar News: मवेशी के लिए चारा लेने जा रहे ग्रामीण की नदी में डूबने से मौत; पलटी नाव तो गई जान; मातम का माहौल Vande Bharat Express : पटना-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन पर फिर पथराव, यात्रियों में दहशत; जानिए क्या थी वजह Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बाजारों में नहीं दिखेगी भीड़, आ गया सरकारी आदेश; जानिए क्या है मामला Bihar News: हथियारबंद बदमाशों ने बैंककर्मी से पांच लाख रुपये लूटे, चार लूटेरे फरार Bihar Assembly Elections : बिहार में इस दिन बंद रहेंगे इस जिले के स्कूल- कॉलेज, यहां देखें पूरी लिस्ट Bihar News: नदी में कपड़ा धोने गई तीन बहनों की डूबने से मौत, गांव में मातम Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर BJP के केंद्रीय नेताओं की रैलियों का शेड्यूल तय ! नामांकन से पहले प्रचार जोरों पर Bihar Assembly Election 2025 : महागठबंधन में आया भूचाल ! कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली तलब, लालू -तेजस्वी के साथ इस वजह से नहीं बन रही बात; क्या इस तरह का फैसला ले सकती है कांग्रेस Railway Employee Festival: 'मेरे पिया घर नहीं आए ...', रेलवे ड्राइवर को नहीं मिली छुट्टी तो वाइफ ने कर दिया यह अनोखा काम; जोनल ऑफिस में भी होने लगी चर्चा
07-Jun-2024 09:54 AM
By First Bihar
PATNA : पटना हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को बड़ा झटका देते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी 8 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसके तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बीएसईबी को यह निर्देश दिया था कि वह छात्रों का उसी सरकारी विद्यालय में इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन ले, जहां से छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
दरअसल, पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी 8 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसके तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बीएसईबी को यह निर्देश दिया था कि वह छात्रों का इस सरकारी स्कूलों में इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन ले जहां से छात्रों ने मैट्रिक परीक्षा पास की है। पटना उच्च न्यायालय ने 6 सप्ताह में प्रतिवादियों को अपने-अपने जवाब देने का निर्देश दिया है।
वहीं, पटना हाई कोर्ट द्वारा बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग के जारी आठ मई, 2024 के उस आदेश पर तत्काल रोक लगा दी गई है, जिसके तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश दिया था कि वह छात्रों का उसी सरकारी विद्यालय में इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन ले, जहां से छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जज राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने छह सप्ताह में सभी प्रतिवादियों को अपने-अपने जवाबी हलफनामे दायर करने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने निधि कुमारी समेत दूसरे लोगो की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया कि वह छात्रों के आवेदन पत्र में दिए गए विकल्प के आधार पर कक्षा 11वीं में नामांकन के लिए सीटें आवंटित करे और छात्रों को उसी सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने के लिए बाध्य न करे जहां से उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की है। न्यायालय ने माना कि उक्त पत्र के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छात्रों के अपनी पसंद के संस्थान में नामांकन लेने के अधिकार पर रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग का यह फैसला कानून के हिसाब से सही नहीं है। इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जायेगी।