ब्रेकिंग न्यूज़

दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता BIHAR NEWS:चोरी के शक में युवक की बेरहमी से पिटाई, भीड़ ने चप्पल पर चटवाया थूक Bihar Politics: काले कपडे पर आमने-सामने नीतीश-रोहिणी, लालू की बेटी ने सीएम को बता दिया हिटलर

अच्छा जीवन जीने के लिए शिक्षा जरूरी, मुकेश सहनी बोले- पढ़ाई से ही दूर होगी बदहाली

अच्छा जीवन जीने के लिए शिक्षा जरूरी, मुकेश सहनी बोले- पढ़ाई से ही दूर होगी बदहाली

06-Mar-2023 07:26 PM

By First Bihar

BEGUSARAI: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी सोमवार को बेगूसराय पहुंचे, जहां वे एक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित भी किया।


दरअसल, मुकेश सहनी डंडारी प्रखंड स्थित पंचमुखी गांव में भगवान बजरंगबली और बाबा अमरसिंह देव की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बेगूसराय पहुंचे थे। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सहनी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को होली की शुभकामनाएं दी।


इस दौरान उन्होंने लोगों को अपने बच्चों को खूब पढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जबतक बच्चे पढ़ेंगे नहीं तबतक सर उठाकर जीने लायक नहीं बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही दो रोटी कम खाइए और घूमने जाना है तो मत जाइए लेकिन अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाइए। जो बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं वे जिंदगी भर सिर झुकाकर जीने को मजबूर हो जाते हैं।