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03-Jan-2022 02:02 PM
By BADAL ROHAN
PATNA: बिहार का सबसे दूसरा बड़ा अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर और सीनियर डॉक्टर मिलाकर अब तक कुल 96 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। एनएमसीएच में इतनी भारी संख्या में डॉक्टरों के संक्रमित पाए जाने से जहां अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। वही संक्रमण फैलने को लेकर जो कयास अब तक लगाए जा रहे हैं उसे एनएमसीएच अधीक्षक ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसे आईएमए के कॉन्फ्रेंस से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इससे डॉक्टरों का कोई संबंध नहीं है। इसे आईएमए के कार्यक्रम से जोड़ना गलत है।
संक्रमण की शुरुआत कहां से हुई इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। पटना में 27-28 दिसम्बर को दो दिवसीय आईएमए की कॉन्फ्रेंस हुई थी। जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी समेत कई मंत्री उपस्थित थे। वही पूरे राज्य से आए करीब 5000 की संख्या में डॉक्टर भी मौजूद थे। कयास लगाया जा रहा है कि आईएमए के कार्यक्रम के बाद से ही डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए हैं।
हालांकि एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ० विनोद प्रसाद ने इन कयासों को खारिज करते हुए कहा कि एनएमसीएच के संक्रमित डॉक्टरों का आईएमए की कॉन्फ्रेंस से कोई संबंध नहीं है। इसे आईएमए की कॉन्फ्रेंस से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि बैठक में एनएमसीएस से जितने डॉक्टर गए थे वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद प्रसाद ने कहा कि वे खुद भी आईएमए के कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ।
अधीक्षक ने एक बार फिर अपनी बातें दोहराते हुए बताया कि संक्रमित पाए जाने वाले कोई भी डॉक्टर आईएमए की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने बताया कि वे शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। उनके विभाग में एक सीनियर और 5 पीजी डॉक्टर संक्रमित हुए हैं। ये सभी डॉक्टर भी आईएमए की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद प्रसाद ने बताया कि संक्रमित पाए गए तभी 96 डॉक्टर और स्टूडेंटों की संख्या 90 है। ये सभी फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं। जबकि 6 डॉक्टरों को कोरोना वार्ड में रखा गया है। हालांकि वे लोग भी पूरी तरह स्वस्थ है। किसी को भी पानी चढ़ाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि एनएमसीएच में कोरोना मरीज के लिए अभी तत्काल एक सौ बेड है। जो पूरी तरह से तैयार है। सभी बेड पर ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई है।100 बेड के लिए 15 दिनों तक के लिए कोरोना से संबंधित दवाएं भी उपलब्ध है। अभी कोरोना वार्ड में 8 मरीज हैं। जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। 2 मरीज बाहर के हैं इसलिए उन्हें वार्ड में रखा गया है। ताकि वह किसी और को संक्रमित ना कर पाए।
एनएमसीएच में संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए बिना मास्क के अस्पताल में प्रवेश करने पर रोक लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आज भी कुछ डॉक्टरों और स्टूडेंट का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। शाम तक सभी का रिपोर्ट आएगा। कोरोना संक्रमित हुए डॉक्टर को ओमिक्रॉन है या नहीं उसकी भी जांच की जा रही है। डॉ० विनोद प्रसाद ने लोगों को यह सलाह दी है कि कोरोना संक्रमण फैल रहा है। लोग बिना मास्क के घर से नहीं निकले और भीड़ भाड़ में जाने से बचें। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं है। 99.9% ओमिक्रॉन के मरीज को कुछ नहीं हुआ है। मरीज हल्की सिम्टम्स के बाद ठीक हो जाते हैं।
कोरोना और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का प्रकोप पूरे देश में दिखने लगा है। वही भारत देश में भी कोरोना और ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज मिलने से देशवासियो में डर का माहौल बना हुआ है। राजधानी पटना के दूसरे बड़े अस्पताल में अब तक RTPCR टेस्ट में 13 सीनियर डॉक्टर और 83 जूनियर डाक्टर समेत कुल 96 डॉक्टरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से एनएमसीएच में हड़कंप मचा हुआ है। मेडिकल छात्र NMC कैम्पस के हॉस्टल में रहते है। सभी को सर्दी, खासी और बुखार है उन्हें आक्सीजन देने की जरुरत नहीं है। अधिकांश छात्र होम आइसोलेशन में हैं। वही 6 मेडिकल छात्र जो घर नहीं जा सके है। उन्हें कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल एमसीएस में भर्ती कराया गया है।
NMCH अधीक्षक ने बताया की कोरोना को देखते हुए NMCH में कोरोना जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। वही आने वाले मरीजों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए मास्क, सैनेटाइजर और शोशल डिस्टेन्सिंग का प्रयोग करने की अपील की जा रही है। तीसरी लहर से निपटने के लिए NMCH अस्पतालों में दवा के साथ-साथ इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था की जा चुकी है और सभी बेड नए संसाधनों से लैस है। साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था भी है। सेंट्रल से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम भी NMCH अस्पताल की व्यवस्था और तैयारी से संतुष्ट है। अधीक्षक ने यह भी बताया कि ओमिक्रॉन माइल्ड सिनटम है यह एक तरह की एन्फुलेंजा है और इससे घबराने की जरुरत नहीं है। पांच दिनों तक यह रहता है। इसमें 99 % लोगों को इसका कोई खतरा नहीं है।