ब्रेकिंग न्यूज़

BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाने वाले सरकारी शिक्षक का एक और वीडियो वायरल, स्कूल में बच्चों से बॉडी मसाज कराते दिखे Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाने वाले सरकारी शिक्षक का एक और वीडियो वायरल, स्कूल में बच्चों से बॉडी मसाज कराते दिखे घुड़सवार बनने की राह पर बिहार की 'हॉर्स गर्ल', 15 साल की नीतू ने थामा घोड़े का लगाम Bihar Bhumi: नेता से लेकर अफसर ...डॉक्टर से लेकर ठेकेदारों की बेचैनी बढ़ी, बेतिया राज की 7600 एकड़ जमीन करायी जायेगी खाली

नीतीश पर PK के हमले के बाद शिवानंद का जवाब, कहा - पदयात्रा का मकसद धीरे-धीरे साफ होता जा रहा

नीतीश पर PK के हमले के बाद शिवानंद का जवाब, कहा - पदयात्रा का मकसद धीरे-धीरे साफ होता जा रहा

22-Oct-2022 08:29 AM

PATNA : बिहार की राजनीति में एक जामने में कभी एक दूसरे के काफी करीबी कहे जाने वाले प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बिच वतर्मान कैसा रिश्ता है, यह तो अब  जगजाहिर है।  इसके बाद अब नीतीश कुमार उनका नाम तक नहीं सुनना चाहते तो वहीं पीके भी बिहार के सीएम को आड़े हाथ लेने में कोई गुरहेज नहीं करते। इसी कड़ी में अब राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश पर लगातार हमला करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आड़े हाथ लिया है। 


राजद नेता शिवानंद तिवारी ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा का मकसद धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है। बिहार के दोनों खेमों की राजनीति से अलग एक नई राजनीति की शुरुआत के मकसद से शुरू की गई यह पद यात्रा नीतीश विरोध की राजनीति में बदलती जा रही है। उन्‍होंने आगे लिखा कि पीके से मैं दो मर्तबा मिला हूं, उन्हीं की पहल पर. यह उन दिनों की बात है जब वे नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का अभियान चला रहे थे। 


नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने का था उनके पास अजीबोगरीब फॉर्मूला


शिवानंद तिवारी ने लिखा, " प्रधानमंत्री बनाने का उनका फॉर्मूला अजीबोगरीब था, उनका कहना था कि राजद और जदयू को मिल जाना चाहिए। दोनों मिल जाएंगे तो बिहार और झारखंड की 54 लोकसभा सीटों में से कम से कम 48 से 50 सीट तक जीत सकते हैं। उनके अनुसार अगले लोकसभा चुनाव के बाद पहले, दूसरे स्थान पर आने वाली पार्टी की सरकार नहीं बनेगी। तीसरे स्थान पर हमारी पार्टी रहेगी और इसकी सरकार बनने की संभावना प्रबल है। ऐसा क्यों होगा, यह उन्होंने स्पष्ट नहीं किया और न मैंने पूछा. उन्होंने इशारों में यह भी बताया था कि हमारी सरकार बन जाएगी और नीतीश जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो लालू जी का मामला भी रफा दफा हो जाएगा। "


शिवानंद के अनुसार, "प्रशांत जी से मुलाकात के पहले उनकी एक छवि मेरे मन में बनी हुई थी. वह एक कुशल और सफल चुनावी प्रबंधक की छवि थी। पहली मुलाकात में ही प्रशांत की वह पुरानी छवि मेरे चित्त से उतर गई। बिलकुल काल्पनिक कहानी की तरह मुझे उन्होंने अपनी योजना समझाई। जब मैंने उनसे कहा कि जेडीयू जब तक बीजेपी के साथ है, उनसे मिल जाने का अर्थ होगा कि आरजेडी भी बीजेपी के साथ हो जाए, यह तो नामुमकिन है। प्रस्ताव पर आरजेडी में विचार किया जाए, यह कह कर उन्होंने उस बातचीत का समापन किया था. प्रशांत मुझसे मिलने आ रहे हैं, इसकी जानकारी मैंने लालू जी को दे दी थी। उन्होंने बताया था कि प्रशांत उनसे भी इस प्रस्ताव के साथ मिल चुके हैं।  लालू जी ने भी प्रशांत को यही कहा था कि यह सब उसी हालत में संभव है, जब नीतीश भाजपा गठबंधन से बाहर आ जाएं। "


इसके आगे राजद नेता ने कहा कि मुझे लगता रहा कि पीके महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित हैं. कई मर्तबा उनके मुंह से गांधी का नाम सुना है. गांधीजी का नाम प्रशांत कुछ इस अंदाज में लेते हैं, जैसे उन्‍हें वे अपना आदर्श मानते हों. हालांकि कभी-कभी मुझे आश्चर्य भी होता था कि जो आदमी गांधी को अपना आदर्श मानता है, वह देश में आज जिस निर्लज्जता के साथ सांप्रदायिकता को ही राजनीति का मूलाधार बनाया जा रहा है, उस पर मौन कैसे है। मैंने प्रशांत की पद यात्रा का कार्यक्रम देखा तो फिर एक उम्मीद पैदा हुई। वह कठिन संकल्प की घोषणा थी। यह गांधी का रास्ता है। सचमुच प्रशांत कुछ बड़ा करने जा रहे हैं लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत ने ही बहुत निराश किया। 


शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार के सभी अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन, यह तो कल्पनातीत था बिहार की किसी भी राजनीतिक पार्टी ने प्रचार का ऐसा वल्गर प्रदर्शन कभी नहीं किया। यह देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि गांधी का नाम तो शायद प्रशांत के लिए अपने असली चेहरे को छुपाने का एक ढोंग है. नीतीश कुमार देश के अंदर जो सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति हो रही है, उसका विरोध कर रहे हैं और प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं।