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07-Sep-2020 03:08 PM
DELHI : विधानसभा चुनाव के पहले जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच रिश्ते और खराब होते जा रहे हैं. दिल्ली में इस वक्त चल रही एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में जेडीयू को लेकर बड़ी नाराजगी देखने को मिली है. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के सामने पार्टी के नेताओं ने जेडीयू के रवैए पर सख्त ऐतराज जताया है और खुला ऐलान कर दिया है कि किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एलजेपी को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.
नीतीश के साथ चुनाव लड़ना ठीक नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एलजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने मोर्चा खोलते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है. बैठक में ज्यादातर सदस्यों को इस बात पर एतराज रहा है कि जेडीयू एलजेपी को गठबंधन में नहीं मानती है. ऐसे में एलजेपी को जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार देनी चाहिए. संसदीय बोर्ड में यह बात भी निकल कर आई है कि बिहार में सरकार पूरी तरह से फेल है और अधिकारी सरकार चला रहे हैं. सूत्रों की माने तो लोक जनशक्ति पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ और खास तौर पर मुख्यमंत्री को लेकर नाराजगी है. कोरोना का हाल में चुनाव कराने की बात से लोग नाराज हैं ऐसे में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ना भारी पड़ सकता है.
मांझी के खिलाफ कोई नहीं बोलेगा
इतना ही नहीं एलजीपी के नेताओं ने चिराग पासवान को जेडीयू नेताओं की तरफ से कालिदास बताए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित किए जाने का मुद्दा भी उठा है. हालांकि जीतन राम मांझी को लेकर चिराग पासवान ने बैठक में अपने नेताओं को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया है कि कोई भी नेता मांझी के खिलाफ बयान नहीं देगा. चिराग पासवान ने कहा है कि जीतन राम मांझी परिवार के सदस्य हैं और उन पर पार्टी का कोई नेता बयान नहीं देगा. एलजेपी सूत्रों की माने तो चिराग पासवान ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. लेकिन बिहार में जो खामियां हैं उनको सुधारने के लिए वह हमेशा सच बोलते रहेंगे. चिराग पासवान ने कहा है कि बिहार फर्स्ट बिहारी पक्ष के एजेंडे से लोक जनशक्ति पार्टी कभी भी पीछे नहीं हटेगी