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20-Feb-2023 04:19 PM
By First Bihar
RANCHI: उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने के फैसले के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। कुशवाहा के फैसले से जेडीयू के अंदरखाने खलबली तो मची है लेकिन जेडीयू के नेता इसे जाहिर नहीं होने देना चाहते है। झारखंड दौरे पर पहुंचे अशोक चौधरी ने कहा है कि कुशवाहा को अगर कोई परेशानी थी तो उन्हें अपनी बात शीर्ष नेतृत्व के सामने रखनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कर मीडिया में जाकर पार्टी की किरकिरी कराई। उपेंद्र कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया है तो यह बहुत अच्छी बात है। महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है लेकिन अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं।
दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी झारखंड में जेडीयू के प्रभारी हैं। रामगढ़ में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर इन दिनों सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इसी सिलसिले में अशोक चौधरी आज रांची पहुंचे, जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो समेत अन्य जेडीयू नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। अशोक चौधरी के साथ विधान पार्षद संजय सिंह भी मौजूद थे। इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने और नई पार्टी बनाने के सवाल पर अशोक चौधरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो किसी पार्टी में काम करता है वह पार्टी के शीर्ष नेता के तालमेल से ही कोई काम करता है। पार्टी में जबतक अनुशासन नहीं रहेगा वह आगे नहीं बढ़ सकती है। पार्टी में कोई भी बड़ा निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता ही लेते हैं। उनके निर्णय से अगर किसी में असंतोष है तो उसको शीर्ष नेता के सामने रखा जाता है।
उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी समस्या को पार्टी के शीर्ष नेता के सामने रखने के बजाए मीडिया में जाकर पार्टी की किरकिरी कराई। उपेंद्र कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया है तो यह बहुत अच्छी बात है। कुशवाहा तीन बार जेडीयू में आए, नीतीश कुमार से जितना बन सका उन्होंने उनको सम्मान देने का काम किया। मुख्यमंत्री ने पहली बार उन्हें विरोधी दल का नेता बनाया, दूसरी बार जब आए तो उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया और तीसरी बार उन्हें एमएलसी बनाते हुए पार्टी के संसदीय बोर्ड का महत्वपूर्ण पद सौंपा। नीतीश कुमार ने उनका पूरा सम्मान किया। महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है लेकिन अतिमहत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं है।
वहीं रामगढ़ में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि झारखंड में जो सरकार चल रही है उससे जेडीयू का गठबंधन नहीं है लेकिन एक बड़े लक्ष्य को लेकर पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी को रोकने के लिए जो सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की है, इसी को देखते हुए पार्टी ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला लिया है।