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19-Aug-2020 01:42 PM
PATNA: सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस सीबीआई जांच होने और बिहार में दर्ज FIR को सही ठहराए जाने के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया है. बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जनमानस का न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा प्रगाढ़ हुआ है और उम्मीद बढ़ी है.
मुंबई पुलिस कर रही थी जांच को प्रभावित
नीरज ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों द्वारा पटना में FIR दर्ज करवाने के दौरान जांच के लिए मुंबई गई पुलिस के साथ वहां किए गए असहयोग और पुलिस टीम के नेतृत्व के लिए गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वॉरेंटाइन किया जाना सीधे तौर पर जांच को बाधित करना था. नीरज कुमार ने कहा कि परिजनों के अनुरोध पर सीएम नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की, जिसे आज सर्वोच्च न्यायालय ने भी जांच की अनुमति प्रदान कर दी.
तेजस्वी के खामोशी पर उठाया सवाल
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में हैरतअंगेज यह है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक तरफ तो सीबीआई जांच की मांग करने का दावा करते हैं यानी सीबीआई जांच को सही मानते हैं तो फिर कैदी नंबर 3351 लालू यादव की सजा को भी सही मानते हैं. वहीं, दूसरी ओर कहते हैं कि हमारे पिता कैदी नंबर 3351 को फंसा दिया गया. ये दोहरा मापदंड ?उन्होंने कहा कि जब बिहार पुलिस के आईपीएस अधिकारी को क्वॉरेंटाइन किया गया और बिहार पुलिस के क्षेत्राधिकार पर बहस हो रही थी तब तेजस्वी यादव मूक दर्शक बने रहे. जब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बिहार पुलिस की जांच पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया तब भी तेजस्वी यादव मौन साधे रहे, क्या सिर्फ इसलिए कि वहां इनके सहयोगी दल कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल थी. इन्होंने न तो कांग्रेस की भूमिका पर कभी सवाल खड़ा किया और न ही महाराष्ट्र सरकार की नीयत पर. आखिरकार आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है और अब सीबीआई जांच की मंजूरी मिलने के साथ ही साथ बिहार पुलिस की जांच को सही करार दिया गया. अब सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मृत्यु की जांच से गुनाहगारों का पर्दाफाश होगा.