मुजफ्फरपुर के SDM को मिली जान से मारने की धमकी, जदयू का पूर्व नेता गिरफ्तार Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar News: शिवम हायर एजुकेशन फाउंडेशन और पटेल नर्सिंग कॉलेज में हुआ भव्य स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी
05-Oct-2024 06:16 AM
By First Bihar
DESK : नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा मां के पूजन-पाठ का विधान होता है। इस दिन मां की आरती, कथा, स्तुति और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पुण्य लाभ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि चंद्रघंटा माता की पूजा-आराधना करने वाले भक्त और श्रद्धालुओं को जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
दरअसल, नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता दुर्गा के अलग-अलग 9 स्वरूपों या अवतारों की पूजा-अर्चना व साधना (Durga Puja 2024) की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करने के बाद शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की स्तुति की जाती है।
नवरात्रि का तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। चंद्रमा शीतलता और शुभ्र प्रकाश यानी कि ज्योत्स्ना का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा और वैदिक ज्योतिष का बहुत ही गहरा संबंध रहा है। चंद्रघंटा माता की पूजा करने से भक्तों को शुक्र के शुभ फल एवं गुण प्राप्त होते हैं।
इस दिन सुबह उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद आसन पर बैठ जाएं। फिर देवी चंद्रघंटा को गंगाजल से स्नान कराएं, उसके बाद मां को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पीले फूल चढ़ाएं, इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। उसके बाद मां का पसंदीदा भोग लगाएं। उन्हें पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। मां के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
बता दें कि मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। मां चंद्रघंटा को केले का फल भी पसंद है। मां चंद्रघंटा को पंचामृत, चीनी और मिश्री भी अर्पित की जाती है।