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13-Dec-2019 07:13 AM
DELHI: संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना हस्ताक्षर कर दिया है. गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल अब कानून बन गया है. इससे पहले सोमवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को मतविभाजन के बाद पास कर दिया गया था.
इससे पहले विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया. इस कानून के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध तरीके से रहने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा. राज्यसभा में यह बिल 125 के मुकाबले 105 मतों से पास हुआ. वहीं लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 सांसदों ने वोट दिया जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ वोटिंग की थी.
इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं उन्हें 5 साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी. अभी तक यह समय सीमा 11 साल की थी.