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09-Jun-2020 06:18 AM
MUZAFFARPUR : बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के होम टाउन यानि मुजफ्फरपुर ने नगर निगम में भारी घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. करोडों की हेराफेरी के आरोप में मुजफ्फरपुर के मेयर के खिलाफ चार्जशीट करने का फैसला लिया गया है. वैसे मुजफ्फरपुर के मेयर इशारों में मंत्री पर ही साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं.
मेयर के खिलाफ चार्जशीट की मंजूरी
मुजफ्फरपुर नगर निगम के नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने सोमवार को निगरानी विभाग को मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की मंजूरी दे दी है. मेयर पर नगर निगम द्वार खरीदे गये 50 ऑटो टिपर की खरीद में घोटाले का आरोप है. नगर आयुक्त ने निगरानी विभाग को चार्जशीट दायर करने की मंजूरी देने वाले अपने पत्र में पिछले दो जून को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह की ओर से दिए गए आदेश का हवाला दिया है. मुजफ्फरपुर के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर घोटाले के मामले में जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद सोमवार को नगर आयुक्त ने निगरानी को पत्र लिखा है. इस संबंध में नगर आयुक्त ने बताया कि उन्होंने सरकार व डीएम के निर्देश का पालन करते हुए कार्रवाई के लिए निगरानी को पत्र लिखा है.
कई बडे लोग फंसेंगे
मुजफ्फरपुर नगर निगम में 50 ऑटो टिलर की खरीद में कई बडे लोगों के फंसने की संभावना है. निगरानी की जांच में पाया गया है कि नगर आयुक्त से लेकर मेयर की मिलीभगत से इस खरीद में बडे घोटाले को अंजाम दिया गया. इस केस में मेयर, दो तत्कालीन नगर आयुक्त और वर्तमान सहायक अभियंता समेत सभी आरोपितों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. खरीद में घोटाले के इस मामले में तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन और प्रभारी नगर आयुक्त डॉ. रंगनाथ चौधरी समेत छह इंजीनियर पर भी कार्रवाई हो सकती है.
मुजफ्फरपुर नगर निगम में ऑटो टिलर की खरीद में भारी घोटाला दो साल पहले उजागर हुआ था. इसके बाद ये मामला निगरानी विभाग को जांच के लिए सौंप दिया गया था. निगरानी विभाग ने अपनी जांच में पाया कि नगर निगम की खरीद में भारी घोटाला हुआ. निगरानी की रिपोर्ट के बाद नगर विकास विभाग ने एफआईआर का आदेश दिया था.
मंत्री पर साजिश का आरोप
उधर मुजफ्फरपुर के मेयर इशारों में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा पर फंसाने का आरोप लगा रहे हैं. मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है. एक राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें उस मामले में फंसाया गया है जिसमें उनका कोई लेना देना नहीं है. मेयर ने कहा कि उन्हें न्यायापालिका से जरूर न्याय मिलेगा.