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28-Jul-2020 11:05 AM
By Meraj Ahmad
GOPALGANJ: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बाढ़ आ गया. इस बाढ़ में बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते पानी में बहने लगे हैं. गठबंधन की सरकार होने के बाद भी जब अपने विधानसभा में सात बांध टूटा तो बीजेपी विधायक के सब्र का बांध टूट गया और गठबंधन की सरकार पर जमकर हमला बोला. अपने जिले में टूटे बांध का ठीकरा नीतीश सरकार और उनके करीबी मंत्री संजय कुमार झा जो जल संसाधन विभाग संभाल रहे है उनको जिम्मेवार बताया है.
अपने विधानसभा में 7 जगहों पर बांध टूटने पर भड़के बीजेपी विधायक
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने सरकार और जल संसाधन विभाग पर हमला बोला है. कहा कि गोपालगंज में अकेले बैकुंठपुर प्रखंड में एक के बाद एक कुल 7 जगह सारण बांध टूटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारी जिम्मेदार है. बांधों की मजबूती की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की थी. लेकिन इस विभाग ने घोर लापरवाही की है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
8 माह से काम था ठप
विधायक ने कहा की आज से करीब 8 माह पहले जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर के आवास पर एक संवेदक की मौत हुई थी. जिसके बाद कई माह तक अधिकारी फरार थे. जिसके कारण विभागीय काम ठप हो गया था. एक वह भी वजह थी. जिसकी वजह से बांध की मजबूती को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाये गए थे और उसके बाद लॉकडाउन के दौरान भी कई ठोस काम नहीं हो सके थे.
विधायक ने कहा की बैकुंठपुर के पकहा में जो छरकी टुटा है. वह साजिश के तहत तोडा गया है. वह गंडक के दबाव की वजह से नहीं टूट सकता है. क्योंकि वह बहुत मजबूत बांध था. उसके बाद ही बैकुंठपुर के और 6 जगह सारण बांध टूटे थे. छपरा के मशरख के पास आरडी 37 कैनाल की सफाई कर उसे खोला जाये. तभी गोपालगंज में जो बाढ़ का पानी नए इलाकों में जमा है. वह उस नहर के रास्ते आगे बढ़ जायेगा. नहीं तो गोपालगंज में लम्बे समय तक लोगों को बाढ़ त्रासदी झेलनी होगी.
विधानसभा में उठाएंगे सवाल
मिथिलेश तिवारी ने कहा 3 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में अपने ही सरकार पर दबाव बनायेंगे और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. बता दें कि जल संसाधन मंत्री ने दावा किया था कि लॉकडाउन होने के बाद बांध के मरम्मी का काम कराया गया है. इस दावे की पोल बीजेपी विधायक खोल रहे हैं. कह रहे हैं कि इस विभाग ने आठ माह में कोई काम ही नहीं किया है.