शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी और पंकज उधास को पद्म भूषण अवार्ड, मरणोपरांत मिला सम्मान Sanjeev Mukhiya: EOU के सामने संजीव मुखिया कई राज उगले, कहा..पटना-रांची-दरभंगा-धनबाद के कई डॉक्टर सॉल्वर गैंग में थे शामिल बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट..
09-Dec-2019 12:28 PM
DELHI: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया है. विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया गया है. बिल पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा है कि ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि बिल पर वह हर सवाल का जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि बिल पर विपक्ष को बोलने का पूरा मौका दूंगा. अमित शाह ने कहा कि बिल पर चर्चा हो सकती है, बिल के मेरिट पर नहीं. आपको बता दें कि बिल के विरोध में असम में आज बंद बुलाया गया है.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. इसमें मुस्लिम वर्ग का जिक्र नहीं है. यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का चुनावी वादा था. इससे पहले भी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इसी साल 8 जनवरी को यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है. लेकिन इसके बाद पूर्वोत्तर में इसका हिंसक विरोध शुरू हो गया, जिसके बाद सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया.