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23-Feb-2020 04:17 PM
PATNA : अभी-अभी तेजस्वी ने वेटनरी ग्राउंड से बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी ने मंच से कह दिया कि लालू राज में खामियां रही होंगी लेकिन मैं नया बिहार बनाने का एलान करता हूं। तो तेजस्वी को लालू राज की खामियां नजर आ ही गयी। तेजस्वी आखिर ऐसा क्यों कहने को मजबूर है क्या लालू राज के काम के दम पर उन्हें बिहार की जनता नहीं अपनाएंगी क्या ?
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बिहार में जंगलराज की बात तो आपने बार-बार सुनी होंगी। तब लालू राज को जंगलराज का पर्याय मान लिया गया था। नीतीश कुमार जंगलराज-जंगलराज का हवाला देते हुए सत्ता पर काबिज हो गए थे। दरअसल, जंगल राज से मतलब नेताओं, नौकरशाहों, व्यापारियों, अपराधियों के आपराधिक सांठगांठ से है। लालू-राबड़ी के शासन में भी ऐसे ही नेक्सस बने थे। बिहार का चप्पा-चप्पा अपहरण, हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती, रंगदारी, भ्रष्टाचार आदि की घटनाओं से लबरेज था। विरोधियों ने तो यहां तक कह दिया कि लालू-राबड़ी के शासन में किडनैपिंग को उद्योग का दर्जा मिल गया। जब जिसे जैसे इच्छा होती थी, बेरोकटोक किसी को उठा लेता था। खासकर, डॉक्टर, इंजिनियर और बिजनसमेन अपहरणकर्ताओं के निशाने पर रहते थे। इन्हें दिनदहाड़े उठा लिया जाता था और ऐसी घटनाएं करीब-करीब रोज ही सामने आतीं थी।
तो क्या तेजस्वी को लगने लगा है कि बिहार में लालू-राबड़ी के दौर के उस जंगलराज के बूते बिहार में अब चुनाव नहीं जीता जा सकता है। तेजस्वी नया बिहार बनाने की बात करने लगे हैं। तेजस्वी ने मंच से पार्टी कार्यकर्ताओं को बार-बार नसीहत भी दी कि वे अपना व्यवहार बदलें।तेजस्वी को शायद ये अहसास होने लगा है कि बिहार की जनता से केवल पन्द्रह साल का हवाला देकर मैदान नहीं मारा जा सकता है। उस पन्द्रह साल के सामने नीतीश कुमार का 15 साल का भी शासन होगा।
सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने तो दावा भी ठोक रखा है कि बिहार के चुनावी मैदान में 15 साल बनाम 15 साल की लड़ाई होगी। जिसमें लालू-राबड़ी का पन्द्रह साल और नीतीश कुमार के पन्द्रह साल आमने-सामने होंगे। तेजस्वी को ये अहसास होने लगा है कि जनता अब विकास की बात करने लगी हैं। बिहार में पिछले पन्द्रह सालों का विकास सड़क, पुल-पुलिया, बिजली और पानी की गांव-गांव में उपलब्धता के तौर पर सामने दिख भी रहा है। तो क्या तेजस्वी खुद की छवि बदलने चले हैं पार्टी की छवि बदलने चले हैं। वे भी विकास की ही बात करेंगे और बिहार की जनता को नया बिहार बना कर दिखाएंगे ।