Hate Speech Case: हेट स्पीच केस में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ा झटका, सजा के खिलाफ अपील खारिज Hate Speech Case: हेट स्पीच केस में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ा झटका, सजा के खिलाफ अपील खारिज अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से 4 ग्रामीणों की मौत, आधा दर्जन लोग घायल, मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा Bihar Police Transfer: बिहार के चार जिलों में 1347 पुलिसकर्मियों का तबादला, पिछले 5 साल से एक ही जगह थे तैनात Bihar Police Transfer: बिहार के चार जिलों में 1347 पुलिसकर्मियों का तबादला, पिछले 5 साल से एक ही जगह थे तैनात Bihar Politics: ‘बिहार की एनडीए सरकार का इकबाल हुआ खत्म’ गोपाल खेमका की हत्या पर प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को घेरा Bihar Politics: ‘बिहार की एनडीए सरकार का इकबाल हुआ खत्म’ गोपाल खेमका की हत्या पर प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को घेरा Gopal Khemka Murder Case: पटना के बेऊर जेल से जुड़े गोपाल खेमका हत्याकांड के तार, SSP के नेतृत्व में 12 थानों की पुलिस कर रही छापेमारी Gopal Khemka Murder Case: पटना के बेऊर जेल से जुड़े गोपाल खेमका हत्याकांड के तार, SSP के नेतृत्व में 12 थानों की पुलिस कर रही छापेमारी शर्मनाक हालत है स्वास्थ्य मंत्री जी..! आपने ही तामझाम के साथ उद्घाटन किया था, हेल्थ सेंटर शुरू होने से पहले ही भवन में आ गई बड़ी-बड़ी दरारें, जांच रिपोर्ट चीख-चीख कर दे रही गवाही
04-Oct-2020 08:50 PM
PATNA : नीतीश कुमार के बहाने विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने क्या फिर सत्ता की चाबी के लिए बिहार को मंझधार में छोड़ दिया. एनडीए से अलग होने के चिराग पासवान के फैसले का विधानसभा चुनाव परिणाम पर आखिरकार क्या असर हो सकता है. चिराग नीतीश को सत्ता से दूर करेंगे या महागठबंधन को सत्ता के पास ले जायेंगे. सियासी गलियारे में यही सवाल उठने लगे हैं.
दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी ने आज ही औपचारिक तौर पर ये एलान किया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव का अकेले लड़ने जा रही है. लोजपा ने कहा कि उसकी नाराजगी नीतीश कुमार से है. वह बिहार में भाजपा-लोजपा की सरकार बनाना चाहती है. लिहाजा अकेले लडने का फैसला लिया है ताकि चुनाव में जीतकर जो विधायक आयें वे बीजेपी की सरकार बनवायें.
लोक जनशक्ति पार्टी के इस फैसले के बाद जेडीयू खामोश है. नीतीश कुमार अपने साथियों के साथ पूरे चुनावी परिदृश्य पर चर्चा करने में लगे हैं. जाहिर तौर पर चर्चा लोक जनशक्ति पार्टी के फैसले पर भी हो रही है. लोक जनशक्ति पार्टी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि उसका मकसद नीतीश कुमार को नुकसान पहुंचाना है. लोजपा साफ तौर पर कह रही है कि वह नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहती.
जेडीयू के एक नेता ने ऑफ द रिकार्ड कहा कि लोजपा ने एक बाऱ फिर बिहार को मंझधार में धकेलने की कोशिश की है. सिर्फ सत्ता की भूख के लिए. 2005 में भी ऐसा ही हुआ था. 2005 के पहले विधानसभा चुनाव में लोजपा के 29 विधायक जीत कर आये थे. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति थी और लोजपा के हाथों में सत्ता की चाबी थी. जेडीयू नेता ने कहा कि तब लोजपा के कारण ही बिहार में नीतीश कुमार की सरकार नहीं बन पायी और लालू प्रसाद यादव ने आधी रात को बिहार विधानसभा भंग करवा दिया था. शायद चिराग पासवान उसी इतिहास को दुहराना चाहते हैं.
हालांकि जेडीयू नेता ये भी कह रहे हैं कि चिराग पासवान के फैसले का इस दफे के बिहार विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. लोजपा बीजेपी के साथ जाने की बात कहेंगे लेकिन बीजेपी के बडे नेता खुद ये कहेंगे कि उन्हें चिराग नहीं नीतीश पसंद है. बीजेपी पहले से ही साफ कर चुकी है कि नीतीश ही मुख्यमंत्री पद के एकमात्र दावेदार है. जेडीयू को उम्मीद है कि बीजेपी खुद चिराग पासवान की महत्वाकांक्षा को खत्म करेगी.
जेडीयू के एक दूसरे नेता ने कहा कि चिराग पासवान को अपनी पार्टी संभालना ही मुश्किल होगा. उनके 6 सांसदों में से 3 पहले से ही नीतीश कुमार के संपर्क में हैं. लोजपा के सांसद जानते हैं कि वे लोकसभा चुनाव इसलिए जीत पाये क्योंकि नीतीश कुमार का आधार वोट उनके साथ था. क्या लोजपा अकेले चुनाव मैदान में जायेगी तो उसका कोई सांसद चुनाव जीत पायेगा? जेडीयू के दूसरे नेता ने सवाल पूछा.
इन सबके बीच चिराग कितनी रोशनी फैला पायेंगे ये देखने की बात होगी. हालांकि पूरे चुनाव के दौरान अब बीजेपी का स्टैंड सबसे अहम होगा. क्या बीजेपी मजबूती के साथ चिराग पासवान के भाजपा-लोजपा सरकार के दावे का विरोध करेगी. जेडीयू इस विश्वास पर कायम है कि बीजेपी अपने वादे से नहीं मुकरेगी.