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क्या आपको मालूम है कि होली भी कई तरह की होती है, यहां पढ़ें..

क्या आपको मालूम है कि होली भी कई तरह की होती है, यहां पढ़ें..

28-Feb-2020 07:04 PM

DESK: भारत विविधताओं से भरा देश है, तभी तो यहां हमेशा किसी ना किसी धर्म से जुड़े लोग कोई ना कोई त्योहार के रंग में रंगे रहते है. हमारे देश की विशेषता यह है की इस देश में एक ही त्योहार को कई तरह से मनाया जाता है. फाल्गुन का महीना आते ही हम और हमारा देश होली के रंग में रंग जाता है. रंगों के त्योहार 'होली' जैसी मस्ती शायद ही किसी और त्योहार में देखने को मिलती हो. फाल्गुन का महीना आते ही हम और हमारा देश होली के रंग में रंग जाता है. देश भर में होली की तैयारी त्योहार की तारीख से एक महीना पहले ही शुरु हो जाती है और देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है. आइये जानते है की देश में कहां किस तरह से होली का त्यौहार मनाया जाता है-

ब्रज की होली

ब्रज की होली का सम्बन्ध भगवन कृष्ण से है. यहां की लठमार होली विश्व प्रसिद्ध है. इस अनूठे तरीके से मनाये जाने वाले होली को देखने के लिये दुनिया भर से पर्यटक बरसाने में इकट्ठा होते है. ब्रज की होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. जब श्री कृष्ण अपने मित्रों के साथ होली खेलने बरसाना आया करते थे तो बरसाना की औरतें उन्हें लाठी-डंडे ले कर मारने दौड़ती थी,  इस वजह से इसका नाम लठ मार होली पड़ा. 

भोजपुरी होली 

बिहार के लोग जितने निराले होते है उतना ही निराला उनका त्योहार मानाने का तरीका होता है. होली में तो यहां के लोगों का जोश देखने लायक होता है. बड़े बुजुर्ग जहां फाल्गुन के गीत गाते मिल जायेंगे वही युवा भोजपुरी गानों पे थिरकते नजर आएंगे। कुछ तो इस त्यौहार के रंग में इतने रंग जाते है की एक दूसरे के कपडे भी पहाड़ देते है. एक जमाने में यहां की इस कुर्ता फाड़ होली को प्रचलित करने में यहां के राजनेताओं का भी हाथ रहा है. होली के दिन खास भांग वाली ठंडाई बनाई जाती है और लोग इसे भोलेनाथ का प्रसाद मानकर पीते और पिलाते है.

कुमाउनी होली 

रंगों वाली होली तो हर कोई मनाता है पर उत्तराखंड के कुमाउ क्षेत्र में संगीत वाली होली मनाई जाती है. यहां पर होली का रंग एक महीने पहले यानी बसंत पंचमी से ही चढ़ जाता है. बरसाने की होली के बाद यहां की होली काफी मशहूर है. फूलों के रंगों और संगीत की तानों का ये अनोखा संगम देखने लायक होता है. शाम होते ही यहां के घर-घर में में होली की सुरीली महफिल सजने लगती है. घर के लोग घर के या किसी सार्वजनिक जगहों पर  एकत्रित होकर हारमोनियम और टेबल के साथ सुर की महफी  सजाते है