ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रशासन अलर्ट, इन विधानसभा क्षेत्रों में सशस्त्र घुड़सवार दस्ते से होगी निगरानी देश में बड़ा आतंकी हमला नाकाम, गुजरात ATS ने ISIS के 3 आतंकवादियों को किया गिरफ्तार UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025 : सासाराम में बोले अमित शाह – जरा सी गलती हुई तो लौट आएगा जंगल राज, सोनाचूर चावल को GI टैग, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का वादा किशनगंज में राहुल गांधी की सभा: चुनाव आयोग और PM मोदी पर साधा निशाना, कहा..मेरे हाइड्रोजन बम पर बोलती क्यों बंद है? PAN Card: अगर आपने भी नहीं किया है यह काम, तो इस दिन से बंद हो सकता है आपका पैन कार्ड; जान लें पूरी डिटेल बूढ़े हो गये हैं राहुल गांधी, बीजेपी सांसद ने कसा तंज, कहा..शादी नहीं की, इसका मतलब नहीं कि वो जवान हैं Bihar election duty : नालंदा से सीतामढ़ी जा रही आईटीबीपी जवानों की बस में लगी आग, मची अफरातफरी Success Story: कौन हैं बिहार की बेटी अंजली शर्मा? जिन्होंने UPSC पास कर बन गई अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी

कृषि बिल के विरोध में आये आरएसडी अध्यक्ष प्रदीप जोशी, बोले- बिहार में भी लड़ाई जरूरी

कृषि बिल के विरोध में आये आरएसडी अध्यक्ष प्रदीप जोशी, बोले- बिहार में भी लड़ाई जरूरी

22-Sep-2020 04:32 PM

PATNA : राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने पटना स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को किसान विरोधी बताया. प्रदीप जोशी ने संसद में पारित हुए कृषि विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. प्रदीप जोशी ने कहा कि कृषि विधेयक के खिलाफ जितनी मजबूती से पंजाब और हरियाणा के किसान और राजनीतिक दल लड़ रहे हैं उतनी ही मजबूती से बिहार में भी लड़ाई जरुरी है. क्योंकि कॉर्पोरेट के दबाव में किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा कर रही सरकार कृषि बिल के जरिए अब पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी गई राशि की वसूली पर भी उतारु हो चुकी है. इससे पहले फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों से लूट हो रही है.


प्रदीप जोशी ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किए गए कृषि विधेयक को काला कानून बताते हुए इसके पीछे नीतीश कुमार को जिम्मेवार बताया. जोशी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने सबसे पहला हमला किसानों पर ही किया था. जोशी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां नीतीश सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के नाम पर वर्ष 2006  में एपीएमसी एक्ट (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी यानी कृषि उपज और पशुधन बाजार समिति) को ख़त्म कर दिया था. यहां इसके बाद मंडी व्यवस्था को खत्म कर निजी सेक्टर के लिए रास्ता साफ कर दिया गया था. लेकिन नीतीश के इस तानाशाही फैसले का नतीजा यह हुआ कि बिहार के किसानों की हालत और भी बत्तर हो गई.



उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पिछले 15 साल के शासन का ही नतीजा है कि आज बिहार का किसान देश में सबसे ज्यादा पिछड़ा है. बिहार में किसानों की औसत आय देश में सबसे कम सिर्फ 3 हजार रुपये प्रति माह है, जबकि पंजाब में 18 हजार रुपये है. जबकि दोनों कृषि प्रदेश हैं फिर भी दोनों राज्यों के किसानों की आय में इतना अंतर नीतीश सरकार की गलत नीतियों का ही नतीजा है. आज नीतीश ने बिहार में खेती और किसान को इस कदर बर्बाद कर दिया है कि हमारे किसान अपना खेत छोड़कर पंजाम और हरियाणा की खेतों में मजदूरी कर रहे हैं. हमें सोचना चाहिए कि APMC (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) की व्यवस्था को खत्म करने से अगर किसानों को फायदा होता तो फिर पिछले 14 सालों में बिहार के किसान बर्बाद कैसे हो गए. 


कृषि विधेयक के भारी विरोध के बीच सोमवार को मोदी सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोतरी को प्रदीप जोशी ने किसानों की आंखों में धूल झोंकने के बराबर बताया. प्रदीप जोशी ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम की कार्य कुशलता और वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए बनाई गई शांता कुमार समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सिर्फ़ 6 फ़ीसदी किसान ही एमएसपी पर अपनी फ़सल बेच पाते हैं. फसल की रकम को लेकर जब पहले से किसानों के साथ न्याय नहीं मिला तो अब इस कानून के बाद तो किसानों को अडाणी अंबानी का गुलाम बना दिया जाएगा. अगर सरकार को किसानों की फिक्र है तो वो एमएसपी की कानूनी गारंटी दे और कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए.


जोशी ने कहा कि अगर मोदी सरकार विधेयक के जरिए एमएसपी की गारंटी देती तो फिर किसानों को थोड़ा भरोसा भी होता, लेकिन सरकार इससे बच रही है यानि कि उसकी नीयत में खोट है.  देश में 23 फ़सलों पर ही एमएसपी है. अगर एमएसपी का प्रावधान विधेयक के जरिए निजी कंपनियों के लिए किया गया होता तो इससे देश के सभी राज्यों के किसानों को फ़ायदा पहुंचता और आगे उनके शोषण होने की आशंका भी कम हो जाती. अडानी अंबानी जैसे बड़े व्यापारी और प्राइवेट सेक्टर यही चाहता है कि पर्दे के पीछे से मंडियों को समाप्त कर जाए ताकि फसल की खरीद और बिक्री पर उसका एकाधिकार स्थापित हो सके. 


प्रदीप जोशी ने कहा कि किसानों के शोषण की जो आग बिहार से नीतीश कुमार ने जलायी थी अब नरेंद्र मोदी शोषण की उस चिंगारी से पूरे देश के किसानों को झुलसा देना चाहते हैं. जोशी ने बिहार के किसानों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि किसानों की बदहाली के लिए जिम्मेवार नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ उनकी पार्टी राष्ट्र सेवा दल पहले से लड़ रही है. हम शुरु से कृषि को उद्योग का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं जो तुरंत लागू किया जाना चाहिए.