ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR CRIME : दोस्तों के साथ पार्टी कर रहे युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप; जांच में जुटी पुलिस Budget 2025 : बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने की मां लक्ष्मी की स्तुति, कहा - 2014 के बाद यह पहला सत्र है जब कोई विदेशी चिंगारी नहीं आई BPSC Exam: 70वीं BPSC पीटी परीक्षा पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई टली, अब इस दिन होगी सुनवाई BIHAR NEWS : जदयू के पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह का पटना में निधन, मनिहारी विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर Chirag Paswan: चिराग पासवान और उनके जीजा ने खुदकुशी के लिए मजबूर कर दिया: महिला कारोबारी ने जहर खाया, सुसाइड नोट में लिखी अपनी पीड़ा Multi Model Hub: पटना वालों जाम में फंसने की टेंशन भूल जाइए! इस दिन से शुरू होगा 'मल्टी मॉडल हब', देखिए डिटेल्स BPSC Exam: रद्द होगी BPSC 70वीं पीटी परीक्षा! आज पटना हाईकोर्ट करेगा फैसला BIHAR BOARD : बिहार बोर्ड का नया ऐलान ! 5 फरवरी तक जूता पहनकर एग्जाम देने आ सकते हैं इंटरमीडिएट के स्टूडेंट, लेट आने पर होगा यह एक्शन Bihar School News : बदल गया MDM का मेन्यू, अब किस दिन क्या मिलेगा, शिक्षा विभाग ने सबकुछ बताया Budget 2025 : आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत, जानें निर्मला सीतारमण के तरफ से बजट पेश करने का समय व तारीख

KK Pathak ने वंशीधर ब्रजवासी को MLC बनवा दिया: तिरहुत स्नातक क्षेत्र में नीतीश, तेजस्वी, PK को शिकस्त देने वाले की दिलचस्प कहानी

KK Pathak ने वंशीधर ब्रजवासी को MLC बनवा दिया: तिरहुत स्नातक क्षेत्र में नीतीश, तेजस्वी, PK को शिकस्त देने वाले की दिलचस्प कहानी

10-Dec-2024 06:27 PM

MUZAFFARPUR (Tirhut Graduate Election): बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर दिलचस्प चुनाव परिणाम आया है. नीतीश, तेजस्वी, प्रशांत किशोर जैसे नेताओं के प्रत्याशियों को हरा कर एक निर्दलीय शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने जीत ली है. वंशीधर ने जेडीयू से यह सीट छीन ली है जो देवेश चंद्र ठाकुर ने सांसद बनने के बाद खाली की थी. उप चुनाव में जेडीयू का हाल ये हुआ कि उसके उम्मीदवार अभिषेक झा चौथे नंबर पर चले गए. वंशीधर ब्रजवासी का सबसे नजदीकी मुकाबला प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के विनायक विजेता के साथ रहा जो दूसरे नंबर पर आए. 


हालांकि तिरहुत स्नातक क्षेत्र में उप चुनाव के रिजल्ट का ऐलान नहीं हुआ है. स्थानीय अधिकारी चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वंशीधर ब्रजवासी की जीत तय हो चुकी है. इस सीट पर आरजेडी के कैंडिडेट गोपी किशन तीसरे स्थान पर रहे. 


केके पाठक ने एमएलसी बनवा दिया

तिरहुत स्नातक सीट पर जीत हासिल कर एमएलसी बनने वाले वंशीधर ब्रजवासी की कहानी बेहद दिलचस्प है. जीत हासिल करने के बाद वंशीधर ब्रजवासी ने मीडिया से बात करते हुए सबसे पहले नीतीश सरकार को धन्यवाद कहा. ब्रजवासी ने कहा कि वे सरकार को इसलिए धन्यवाद देना चाहेंगे क्योंकि अगर सरकार ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त नहीं किया होता तो आज वे एमएलसी नहीं बनते. सरकार ने कार्रवाई की तभी शिक्षक गोलबंद हुए और उसका नतीजा सामने है. 


प्रखंड शिक्षक थे वंशीधर ब्रजवासी

अब वंशीधर ब्रजवासी का इतिहास जानिये. वे मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, रक्सा पूर्वी में प्रखंड शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे. वे नियोजित शिक्षकों के संघ के अध्यक्ष थे और नियोजित शिक्षकों की मांगों के समर्थन में लगातार आंदोलन करते थे. मामला तब फंसा जब केके पाठक बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बन कर आये. केके पाठक ने शिक्षकों के  किसी भी तरह आंदोलन पर रोक लगा दिया था और शिक्षकों के यूनियन को अवैध घोषित कर दिया था. 


सेवा से बर्खास्त कर दिये थे ब्रजवासी

केके पाठक के निर्देश पर भी प्रखंड शिक्षक वंशीधर ब्रजवासी के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. इसी साल 28 मार्च को मुजफ्फरपुर के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) ने मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड नियोजन इकाई को पत्र लिख कर वंशीधर ब्रजवासी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. इसके बाद प्रखंड नियोजन इकाई ने ब्रजवासी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की थी.


हालांकि इसी दौरान केके पाठक बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से विदा हो गये थे लेकिन उनके कार्यकाल में वंशीधर ब्रजवासी के खिलाफ शुरू हुई विभागीय कार्रवाई जारी रही. आखिरकार वंशीधर ब्रजवासी को शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. मड़वन प्रखंड के बीडीओ ने 24 जुलाई को प्रखंड नियोजन इकाई की बैठक बुलाई और शिक्षक वंशीधर ब्रजवासी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था. 


शिक्षकों ने बनाया उम्मीदवार

इसी बीच तिरहुत स्नातक क्षेत्र में विधान परिषद की सीट पर उप चुनाव का ऐलान हो गया. दरअसल इस सीट से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर एमएलसी हुआ करते थे. लेकिन लोकसभा चुनाव में वे सांसद चुन लिये गये. इसके बाद उन्होंने एमएलसी की सदस्यता से इस्तीफा दिया और ये सीट खाली हो गयी. शिक्षकों के समर्थन से वंशीधर ब्रजवासी चुनाव मैदान में उतरे औऱ सारी पार्टियों को धूल चटाकर जीत हासिल कर ली.