ब्रेकिंग न्यूज़

UPSC CDS Final Result 2025: UPSC ने जारी की CDS-I की अंतिम मेरिट लिस्ट, 365 अभ्यर्थियों का चयन; यहां देखें अपना परिणाम Bihar Election 2025: मोकामा में अनंत सिंह के सामने लोगों ने क्यों की नारेबाजी? छोटे सरकार ने तुरंत लगा दिया फोन Bihar Election 2025: मोकामा में अनंत सिंह के सामने लोगों ने क्यों की नारेबाजी? छोटे सरकार ने तुरंत लगा दिया फोन Bihar News: बिहार के इस स्टेशन को बनाया जाएगा विश्वस्तरीय, खर्च किए जाएंगे कुल ₹442 करोड़ Bihar Election 2025 : पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह इस विधानसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव; जानिए पार्टी को लेकर कबं होगा फैसला Bihar News: बिहार से चलने वाली यह ट्रेन 6 दिनों के लिए रद्द, कई ट्रेनों के रूट में भी किया गया बदलाव Bihar Election 2025: एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने से ओपी राजभर नाराज, सुभासपा प्रमुख ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान Bihar Election 2025: एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने से ओपी राजभर नाराज, सुभासपा प्रमुख ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान Bihar Election 2025: शायारना अंदाज में किस पर निशाना साध रहे उपेन्द्र कुशवाहा, कहा - आज बादलों ने फिर साजिश की...; आखिर क्यों कम नहीं हो रही नाराजगी? Bihar Election 2025: सुशांत सिंह राजपूत की बहन भाकपा माले से लड़ेंगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले नामांकन का किया एलान

केके पाठक की चेतावनी का असर नहीं, सक्षमता परीक्षा के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक

केके पाठक की चेतावनी का असर नहीं, सक्षमता परीक्षा के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक

10-Feb-2024 08:37 AM

By First Bihar

PATNA: राज्यभर के नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का विरोध करने का ऐलान किया है। आगामी 16 फरवरी को हजारों की संख्या में शिक्षक पटना की सड़कों पर उतरेंगे। आंदोलन पर उतरने वाले शिक्षकों को शिक्षा विभाग के एससीएस केके पाठक ने पिछले दिनों हिदायत दी थी कि उन्होंने अगर किसी तरह के धरना प्रदर्शन या आंदोलन में भाग लिया तो उनकी खैर नहीं है हालांकि, केके पाठक की चेतावनी को कोई खास असर शिक्षकों पर होता नहीं दिख रहा है।


दरअसल, पटना स्थित बिहार राज्य शिक्षक संघ भवन भवन में शुक्रवार को तमाम शिक्षक संगठनों की बैठक हुई। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने कहा है कि लोकतंत्र में शिक्षकों में सबसे अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था होनी जरूरी है लेकिन सरकार शिक्षकों के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रही है। सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अब सभी शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे।


उन्होंने कहा कि 1968 में उन लोगों ने लड़ाई लड़ी थी और कोठारी कमीशन आया था। उस समय सभी शिक्षकों को सरकारी किया गया था और सरकारी वेतनमान तय किया गया था। साल 2006 से ही वह लोग नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार बार-बार शिक्षकों के लिए छोटी-मोटी घोषणा करके इसे टालती रही है। मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर सरकार के अधिकारी कार्रवाई की बात कहते हैं। उन्हें जो करना है कर लें लेकिन सरकार के कानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए शिक्षक आंदेलन पर जरूर उतरेंगे।