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बड़बोलेपन में फिर फंसे सुशील मोदी: किसान आंदोलन पर बयान से विवाद खड़ा हुआ तो सफाई देने उतरे

बड़बोलेपन में फिर फंसे सुशील मोदी: किसान आंदोलन पर बयान से विवाद खड़ा हुआ तो सफाई देने उतरे

28-Dec-2020 08:04 PM

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी अपने बड़बोलेपन के कारण फिर से फंस गये. सोमवार को स्व. अरूण जेटली को याद करने के बहाने ऐसा बयान दिया जिससे मैसेज ये गया कि वे केंद्र सरकार और बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व को अक्षम मान रहे हैं. सोमवार की सुबह सुशील मोदी ने कहा कि अगर अरूण जेटली जिंदा होते तो किसान आंदोलन का मामला कब का सुलझ गया होता. सुशील मोदी के इस बयान के गहरे अर्थ निकाले जाने लगे. जब फसाद बढ़ा तो वे सफाई देने उतर आये.



सुमो ने क्या कह डाला

दरअसल सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली की जयंती थी. कंकड़बाग कालोनी पार्क में आयोजित जयंती समारोह में सुशील मोदी ने जेटली को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद स्व. जेटली के गुणों का बखान किया. उन्होंने कहा “मुझे पूरा यकीन है कि अगर आज अरुण जेटली जीवित होते तो किसान जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसको लेकर यह आंदोलन चल रहा है.......वह इसका निश्चित रूप से कोई समाधान निकाल लेते.”

सुशील मोदी अनुभवी राजनेता हैं. उन्हें पता है कि किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगे हैं. उनके नेतृत्व में पीयूष गोयल से लेकर दूसरे मंत्रियों की टीम काम कर रही है. फिर भी मामला सुलझ नहीं रहा है. अब सुशील मोदी कह रहे हैं कि अगर जेटली जिंदा होते तो मामला सुलझा लिया जाता. जाहिर है मोदी बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व और केंद्र सरकार के मंत्रियों को कमतर साबित कर गये. 

मामला गरमाया तो दी सफाई

सुशील मोदी का बयान भारी फसाद खड़ा कर गया. विपक्षी दलों ने भी सवाल पूछना शुरू किया कि सुशील मोदी मान चुके हैं कि नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह अक्षम हैं. इसके बाद उनकी सफाई आयी है. ट्वीटर पर सुशील मोदी ने लिखा है ''स्वर्गीय अरुण जेटली के बारे में मेरे दिए गए बयान को कुछ चैनल तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में पूरी सरकार लगी है, पर कुछ राजनीतिक दल किसानों को बरगला रहे हैं ताकि कोई समाधान नहीं निकल सके.”



नीतीश की बात पर मुहर लगायी थी

सोमवार की सुबह सुशील मोदी सिर्फ यहीं तक नहीं रूके थे. उन्होंने बीजेपी की फजीहत कराने वाला एक और बयान दिया. दरअसल नीतीश कुमार इन दिनों बार बार कह रहे हैं कि वे सीएम नहीं बनना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें जबरन सीएम बनाया. नीतीश के इस बयान पर बीजेपी के किसी नेता ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं है. दिल्ली से लेकर पटना में बैठे बीजेपी के नेता नीतीश के इस दावे का समर्थन करने से अब तक बचते रहे हैं. लेकिन सुशील मोदी ने नीतीश के दावे की पुष्टि कर दी.


सुशील मोदी बोले-हां, नीतीश कुमार सीएम नहीं बनना चाहते थे. लेकिन हम बिहार का चुनाव उनके चेहरे पर ही लड़े थे. हमलोगों ने उनसे मुख्यमंत्री बनने का आग्रह किया था. बीजेपी ने ही नहीं बल्कि हम और वीआईपी पार्टी के साथ साथ जेडीयू के नेताओं ने भी नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री बनने का आग्रह किया था. इसके बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हुए.