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22-Dec-2023 07:52 AM
By First Bihar
PATNA : पटना हाई कोर्ट के निर्देश के बाद प्राइमरी स्कूल के लिए बीएड डिग्री धारी शिक्षकों को अमान्य घोषित कर दिया गया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने क्लास वन टू फाइव के शिक्षकों में कितने बीएड योग्यताधारी हैं, इसकी संख्या जिलों से मांगी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। पटना हाईकोर्ट के छह दिसंबर, 2023 को आए आदेश के आलोक में विभाग ने उक्त ब्यौरा जिलों से मांगा है।
जानकारी हो कि, छह दिसंबर को पटना हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों (कक्षा एक से पांच) के लिए बीएड की डिग्री को सक्षम नहीं माना था। कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक कक्षा के लिए डीएलएड डिग्री ही मान्य है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिये गये आदेश के आलोक में ही हाईकोर्ट ने यह फैसला किया है। उक्त फैसले से बिहार में छठे चरण में नियुक्त बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 22 हजार बताई जा रही है।
वहीं, शिक्षा विभाग के तरफ से जो डाटा मांगा गया है उसी के आधार इसकी सही लिस्ट सामने आएगी।विभाग से मिली जानकारी के अनुसार होईकोर्ट के छह दिसंबर को आये फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। ताकि, उक्त शिक्षकों को राहत मिल सके। इसी तैयारी के अंतर्गत विभाग ने सूची मांगी है। हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी को योग्य करार दिये जाने को लेकर एनसीटीई द्वारा जून 2018 में जारी आदेश को सही नहीं माना है।
बताया जाता है कि, शिक्षा विभाग के तरफ से विभाग ने वर्षवार प्राथमिक शिक्षकों की सूची जिलों से मांगी है। एक जुलाई, 2006 को पंचायत/प्रखंड शिक्षक के रूप में समायोजित एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षक की सूची अलग कॉलम में मांगी गई है। इसी प्रकार स्थानीय निकायों द्वारा वर्ष 2006-07 में नियोजित एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की संख्या अलग देनी है।
स्थानीय निकायों द्वारा वर्ष 2008-10 में नियोजित एवं कार्यरत तथा वर्ष 2012-15 के बीच नियोजित एवं कार्यरत बीएड डिग्रीधारी की संख्या मांगी गई है। साथ ही स्थानीय निकायों द्वारा वर्ष 2019 से 22 के बीच नियोजित एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की संख्या भी अलग कॉलज में जिलों को देनी है। वहीं, बीपीएससी द्वारा चयनित 2023 में नियुक्ति शिक्षकों में भी कोई बीएड डिग्रीधारी हैं तो उसकी भी संख्या मांगी गई है।