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जम्मू कश्मीर पर 'सुप्रीम' सुनवाई : कोर्ट ने घाटी में हालात सामान्य होने की बताई जरूरत, CJI ने कहा- 'मामला गंभीर है, मैं खुद जाऊंगा श्रीनगर'

जम्मू कश्मीर पर 'सुप्रीम' सुनवाई : कोर्ट ने घाटी में हालात सामान्य होने की बताई जरूरत, CJI ने कहा- 'मामला गंभीर है, मैं खुद जाऊंगा श्रीनगर'

16-Sep-2019 02:42 PM

By 13

NEW DELHI : जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई लगभग 8 याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोई भी फैसला लेने को कहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते में कश्मीर की पूरी तस्वीर सामने रखने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि राज्य में जल्द से जल्द हालात सामान्य बनाए जाएं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि 'लोगों का जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट तक नहीं पहुंचना गंभीर मसला है, इसलिए मैं खुद श्रीनगर जाऊंगा।' वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से इस मामले में रिपोर्ट भी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि घाटी में हालात सामान्य होने आवश्यक है लेकिन इसे भी ध्यान में रखना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं हो। कोर्ट ने एमडीएमके चीफ वाइको की तरफ से दायर की गई याचिका पर भी सुनवाई की। वाइको ने कोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि उन्हें नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। वाइको ने आशंका जताई थी कि फारूक अब्दुल्लाह को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में या जानकारी दी कि फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में नहीं लिया गया है। जम्मू कश्मीर से जुड़े एक अन्य मामले में सीताराम येचुरी की याचिका पर भी कोर्ट ने सुनवाई की। येचुरी ने कोर्ट से यह मांग की थी कि यूसुफ तारिगामी को जम्मू-कश्मीर लौटने की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस मांग को मंजूर करते हुए अपनी इजाजत दे दी है हालांकि उन्हें जम्मू कश्मीर में बिना किसी रोक के घूमने या फिर सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया।