ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: बड़हरा के तुर्की गांव में महिला चौपाल का आयोजन, सोनाली सिंह ने कहा..'अब बदलाव महिलाओं की ताकत से होगा' Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Life Style: ये तीन फूड्स खाए तो पड़ सकते हैं लेने के देने, शरीर के लिए हैं काफी खतरनाक; जानिए... DARBHANGA: राहुल गांधी पर 2 केस दर्ज, 20 नामजद कांग्रेस नेता और 100 अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

16-Jul-2019 01:34 PM

By 7

JHARKHAND : 100 साल से कोयले की आग में धधक रहे झरिया के लोगों को जल्द राहत मिलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में प्रभावित निवासियों का पुनर्वास होगा. शीर्ष अदालत ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे कोलवरी इलाके की जमीन से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपनी कार्रवाई योजना के संदर्भ में उनके द्वारा उठाए गए कदमों का प्रदर्शन करने के लिए वहां के निवासियों के पुनर्वास के लिए अपने हलफनामे को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. झारखंड के धनबाद जिले के झरिया में 100 से अधिक वर्षों से जल रही एक भूमिगत कोयले की आग ने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का ध्यान अब अपनी ओर खींच लिया है. कोलफील्ड्स 100 सालों से आग में धधक रही है. इसकी वजह से वहां के स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और जनजीवन पर भी काफी बुरा असर पड़ रहा है. इस संबंध में सन् 1997 से पहले से लंबित मामले को प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे घातक विस्फोट से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने झरिया कोलफील्ड की भूमिगत आग पर जनहित याचिका की सुनवाई तेजी से की है. जिसने सैकड़ों लोगों की जान और हजारों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. वहीं अदालत ने हाल ही में उल्लेख किया है कि धनबाद के खान सुरक्षा महानिदेशक के नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में वर्ष 2009 के बाद से इस मामले में कुछ भी नहीं मिला था. अदालत ने कहा कि ""पहली प्राथमिकता प्रभावित परिवारों या परिवारों के पुनर्वास के लिए होनी चाहिए, जो भूमिगत आग और उपद्रव से प्रभावित हो सकते हैं. "" दूसरा, अदालत ने कहा कि हालांकि रिकॉर्ड पर कागजों की अधिकता थी, ""जमीनी हकीकत के संबंध में शुद्ध परिणाम स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं या स्पष्टता की कमी है.