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20-Dec-2019 02:46 PM
By SAURABH KUMAR
SITAMARHI : विलुप्त हो चुकी लखनदेई नदी को आख़िरकार डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने जीवित कर दिया. लखदेई नदी के ड्रेनेज कार्य की अंतिम बाधा भी समाप्त हो गई.
गौरतलब हो कि लखनदेई नदी नेपाल से निकलने के बाद बिहार के सीतामढ़ी में छोटी भाषार के पास प्रवेश करती है, जहां अतिक्रमण और गाद के कारण कई भागों में बंट जाती है. लखनदेई को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने और अविरल प्रवाह को लेकर सरकार के निर्देश पर लखनदेई नदी का ड्रेनेज कार्य शुरू किया गया है, जिसमें दुलारपुर घाट से नेपाल तक के भाग से लिंक करने का निर्माण प्रक्रियाधीन है.
उक्त लिंक चैनल हेतू सोनबरसा अंचल के तीन गांव पीपरा कल्याण, खाप खोपरह और भारसंड में रैयतों के साथ भूअर्जन दर सहित कुछ बातों को लेकर असहमति थी, जिसके कारण इस महत्वपूर्ण योजना में अनावश्यक विलंब हो रहा था.
डीएम अभिलाषा ने इस बाबत रैयतों के गांव पहुंचकर उनसे मिलकर बातें किया, साथ ही नदी क्षेत्र का स्थल निरीक्षण भी किया. उन्होंने रैयतों को विस्तार से इस योजना के महत्व के बारे में समझाया और वरीय पदाधिकारियों के साथ कई बैठके कीं. डीएम के प्रयास को उक्त तीनों गांवों के रैयतों ने भी साथ दिया. समाहरणालय में आयोजित बैठक में रैयतों के मांगों को स्वीकार कर लिया गया. सभी रैयतों ने खुशी- खुशी से डीएम को अपनी सहमति पत्र भी सौपी. डीएम ने भी सभी रैयतों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. अब शीघ्र ही लखनदेई अपने मूलस्वरूप में लौटेगी और सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान को एक बड़ी गति प्रदान करेगी. नेपाल भाग से लिंक होते ही लखनदेई की अविरलता काफी बढ़ जाएगी.