ब्रेकिंग न्यूज़

Train News: सावन में श्रद्धालुओं को तोहफा, बिहार से देवघर के लिए स्पेशल ट्रेनों का ऐलान Bihar Crime News: पति ने जहर देकर की पत्नी की हत्या, बेटी की शिकायत पर हुआ गिरफ्तार Bihar News: मछली पालन के लिए सरकार देगी 80% सब्सिडी, केवल इन 8 जिलों के किसानों को मिलेगा फायदा Road Accident: ई-रिक्शा पलटने से मासूम की गई जान, पति-पत्नी घायल Aankhon Ki Gustakhiyan: 'आंखों की गुस्ताखियां' 11 जुलाई को रिलीज, प्रोड्यूसर ने सपनों के लिए गहने बेचे Bihar News: सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, पेंशन मिलने की प्रक्रिया हुई आसान Bihar News: बिहार के इस जिले में होगा सिक्स लेन सड़क का निर्माण, खर्च होंगे ₹90 करोड़ Patna JP Ganga Path: जेपी गंगा पथ पर ई-रिक्शा बैन, अवैध वेंडरों पर होगी सख्त कार्रवाई Gopal Khemka Murder: 7 साल पहले खोया था बेटा, उसी अंदाज में गोपाल खेमका की भी हुई हत्या, पिता-पुत्र की मर्डर स्टोरी बिल्कुल एक जैसी Bihar News: बिहार की पहली ग्रीन पेपर मिल पटना में शुरू, हजारों को मिलेगा रोजगार

जबरन रिटायरमेंट का आदेश लागू होने लगा, पटना डीएम ने लिपिक को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति

जबरन रिटायरमेंट का आदेश लागू होने लगा, पटना डीएम ने लिपिक को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति

06-Mar-2021 07:19 AM

PATNA : बिहार में नीतीश सरकार सरकारी संघ सेवकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के फैसले को सख्ती के साथ लागू कर रही है। पटना में एक लिपिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। दानापुर एसडीओ कार्यालय के लिपिक रहे अबी सिन्हा को पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया है। फिलहाल अबी सिन्हा निलंबित चल रहे थे। उनका मुख्यालय प्रखंड कार्यालय धनरूआ में था। 


अभी सिन्हा के खिलाफ अनुमंडल कार्यालय दानापुर में रहते हुए प्रपत्र क गठित किया गया था। उनपर अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप लगा है। आयुक्त पटना प्रमंडल की तरफ से 12 अगस्त 2018 को किए गए औचक निरीक्षण में उन्हें अनुपस्थित पाया गया था। इसके बाद लिपिक अबी सिन्हा को निलंबित कर दिया गया था। अबी सिन्हा के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) पटना को संचालन पदाधिकारी और अवर निर्वाचन पदाधिकारी दानापुर को उपास्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था।


जांच प्रक्रिया के दौरान लिपिक अबी सिन्हा को शो कॉज नोटिस जारी किया गया और अलग-अलग तारीखों पर सुनवाई के लिए उन्हें बुलाया गया लेकिन वह लगातार अनुपस्थित रहे। न्यायालय की सुनवाई के लिए 13 तारीखों में से उन्होंने किसी में भी अपना पक्ष नहीं रखा। इसके बाद तथ्य की समीक्षा के बाद संचालन पदाधिकारी के मंतव्य से सहमत होते हुए पटना डीएम ने बिहार सरकारी सेवक के नियमावली के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया है।