ब्रेकिंग न्यूज़

दरभंगा में 22 दिसंबर तक स्कूल बंद, कपकपाती ठंड को देखते हुए डीएम ने लिया फैसला बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: बेगूसराय में जमीन के लिए किसान को मारी गोली, हालत गंभीर सारण की अंजली कुशवाहा ने रचा इतिहास, प्रथम प्रयास में BSPHCL परीक्षा में बालिका वर्ग में सर्वोच्च स्थान सारण में आपसी विवाद में महिला पर हमला, इलाज के दौरान मौत, पति ने पट्टीदारों पर हत्या का लगाया आरोप BIHAR: चर्चित सजल अपहरण कांड का खुलासा, मास्टरमाइंड निकला साथ रहने वाला डॉक्टर बिहार की छात्राओं के लिए ‘साथी’ कार्यक्रम की शुरुआत, IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था BIHAR: छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब तस्करों ने किया हमला, सब इंस्पेक्टर समेत 4 जवान घायल NMSRC-2025 सम्मेलन: शोध, अनुकूलनशीलता और दूरदर्शी सोच पर विशेषज्ञों का जोर बढ़ती ठंड के कारण 21 दिसंबर तक सभी स्कूल बंद, डीएम ने जारी किया आदेश Rajniti Prasad: पूर्व आरजेडी सांसद राजनीति प्रसाद का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

इलाज के अभाव में PMCH के डॉक्टर की पत्नी की मौत, कोरोना निगेटिव होने के बाद भी किसी हॉस्पिटल ने नहीं किया भर्ती

इलाज के अभाव में PMCH के डॉक्टर की पत्नी की मौत, कोरोना निगेटिव होने के बाद भी किसी हॉस्पिटल ने नहीं किया भर्ती

26-Jul-2020 08:19 AM

PATNA:  कोरोना संकट के बीच इलाज की व्यवस्था राम भरोसे है. एक पीएमसीएच के डॉक्टर की पत्नी की इलाज के अभाव में मौत हो गई. वह पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए पटना के कई बड़े हॉस्पिटल का चक्कर लगाए. किसी ने भर्ती नहीं लिया. वह भी तब जब वह कोरोना निगेटिव थी. 

बताया जा रहा है कि पीएमसीएच नेत्र रोग विभाग में मेडिकल ऑफिसर डॉ रंजीत की पत्नी की तबीयत खराब हो गई. पत्नी शुगर और बीपी की मरीज थी. उन्हें कुर्जी हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद बेहतर इलाज के लिए दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए डॉक्टरों ने बोला. जहां पर हृदय रोग विशेषज्ञ की सेवा मिल सके. वहां से पाटलिपुत्रा के हॉस्पिल कोरोना टेस्ट कराया. टेस्ट में वह निगेटिव निकली तो ओपीडी में भर्ती किया. लेकिन स्थिति थोड़ी बिगड़ने लगी तो डॉक्टर ने आईसीयू में भर्ती कराने की बात कही. 

लगाते रहे चक्कर हो गई मौत

परेशान डॉक्टर पत्नी को लेकर बेली रोड़ के किनारे स्थिति एक बड़े हॉस्पिटल ले गए, लेकिन एक घंटे पूछताछ के बाद भर्ती करने से मना कर दिया. आईजीआईसी आए लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उन्हें अच्छे सेंटर में ले जाने की सलाह दे दी लेकिन भर्ती नहीं किया. अंत में वह एम्स पहुंचे वहां भी आंधे घंटे तक रोककर रखा गया. पत्नी की गेट पर ही मौत हो गई. डॉक्टर अपने कई सोर्स से संपर्क साधे, लेकिन वह अपनी पत्नी को बचा नहीं पाए. कई से हाथ जोड़कर प्रार्थना भी की. एक उनकी छोटी बेटी है. अब डॉक्टर ने इन हॉस्पिटलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आईएमए को लेटर लिखा है.