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                            28-Dec-2019 01:19 PM
PATNA : बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ( हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर यू टर्न ले लिया है। मांझी अब एआईएमआईएम प्रमुख असद्ददुदीन ओवैसी की सभा में किशनगंज नहीं जा रहे हैं इसके पीछे उन्हें सॉलिड बहाना भी मिल गया है। अब मांझी 29 दिसंबर को रांची जाएंगे।
अब मांझी कह रहे हैं उन्हें हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता मिला है वहीं जाना है तो 29 दिसबंर को होने वाले ओवैसी की रैली में किशनगंज नहीं जा सकेंगे।मांझी कह रहे हैं कि हेमंत सोरेन ने खुद मुझे फोन करके समारोह में आने का न्योता दिया है।
कल तक औवैसी की सभा में जाने की पुरजोर वकालत कर रहे मांझी के सुर अचानक बदल गए हैं। अब आखिर इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है। लोग दबी जुबान ही सहीं कह रहे हैं कि मांझी ने लालू और तेजस्वी के आगे सरेंडर कर दिया है। मांझी के ओवैसी की सभा में जाने से महागठबंधन के सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे थे। बिहार में ओवैसी की इंट्री से सभी दलों को अपना मुस्लिम वोट बैंक खतरे में दिख रहा है। 'माई' यानि मुस्लिम-यादव समीकरण का दावा करने वाली आरजेडी किसी भी कीमत पर बिहार में ओवैसी की इंट्री नहीं चाहता है।
दरअसल महागठबंधन के भीतर मांझी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें पूरी आशंका है कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें मनमाफिक सीटें नहीं मिलेंगी। इसे लेकर मांझी अभी से ही दबाव की राजनीति बना रहे हैं। इसी रणनीति के तहत वे ओवैसी के साथ जाने को तैयार दिख रहे थे लेकिन अगर अंदरखाने की माने तो फिलहाल मांझी को मना लिया गया है।