ब्रेकिंग न्यूज़

दरभंगा में 22 दिसंबर तक स्कूल बंद, कपकपाती ठंड को देखते हुए डीएम ने लिया फैसला बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: बेगूसराय में जमीन के लिए किसान को मारी गोली, हालत गंभीर सारण की अंजली कुशवाहा ने रचा इतिहास, प्रथम प्रयास में BSPHCL परीक्षा में बालिका वर्ग में सर्वोच्च स्थान सारण में आपसी विवाद में महिला पर हमला, इलाज के दौरान मौत, पति ने पट्टीदारों पर हत्या का लगाया आरोप BIHAR: चर्चित सजल अपहरण कांड का खुलासा, मास्टरमाइंड निकला साथ रहने वाला डॉक्टर बिहार की छात्राओं के लिए ‘साथी’ कार्यक्रम की शुरुआत, IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था BIHAR: छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब तस्करों ने किया हमला, सब इंस्पेक्टर समेत 4 जवान घायल NMSRC-2025 सम्मेलन: शोध, अनुकूलनशीलता और दूरदर्शी सोच पर विशेषज्ञों का जोर बढ़ती ठंड के कारण 21 दिसंबर तक सभी स्कूल बंद, डीएम ने जारी किया आदेश Rajniti Prasad: पूर्व आरजेडी सांसद राजनीति प्रसाद का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

HC ने CBI को जारी किया नोटिस, ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर मांगा जवाब

HC ने CBI को जारी किया नोटिस, ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर मांगा जवाब

22-Jul-2020 01:23 PM

PATNA :मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के उम्रकैद की सजा के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई  की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है. 

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने नोटीस जारी करते हुए सीबीआई से 25 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मुख्य दोषी बृजेश ठाकुर ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

उसके वकील प्रमोद दुबे ने दलील दी है कि निचली अदालत ने मामले में जल्दबाजी में सुनवाई की. इससे सही न्याय नहीं हो पाया. किसी भी अभियुक्त को संविधान के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार मिला है. निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसके अधिकार का उल्लंघन हुआ है.  

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों से रेप के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 11 फरवरी को सजा सुनायी थी. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को आखिरी सांस तक जेल में रखने का आदेश दिया था. ब्रजेश ठाकुर को कई लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में पोक्सो अधिनियम और दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया था और कोर्ट ने उसे सख्त सजा सुनायी थी. साकेत कोर्ट ने ठाकुर पर 32.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था, जिसे रेप पीडित लडकियों को देने का आदेश दिया गया था.  अदालत ने इस मामले के दूसरे आरोपियों को भी उम्र कैद की सजा दी है.