पटना में 24 पाकिस्तानी महिलाओं की लिस्ट जारी, तीन ने ली भारतीय नागरिकता 40 साल दरगाह की सेवा के बाद श्यामलाल की घर वापसी, पहलगाम आतंकी हमले से हुआ हृदय परिवर्तन Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट
03-Jul-2024 09:56 AM
By First Bihar
DESK: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इस कांड को लेकर दर्ज किए गए पहले केस में मुख्य सेवादार देवप्रकाश माथुर और आयोजकों को आरोपी बनाया गया है लेकिन बाबा का नाम नहीं है।
दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में आयोजित एक सत्यसंग के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने इस मामले को लेकर पहला केस दर्ज किया है। हाथरस के सिकंदराराऊ थाने में दो जुलाई की देर रात ब्रजेश पांडेय नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया।
पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस केस में सिकंदराराऊ के दमदपुरा के रहने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश को आरोपी बनाया गया है लेकिन सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में पुलिस की इस एफआईआर पर सवाल भी उठ रहे हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं और अगर ली गई थी तो कितने लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही गई थी।
कहा जा रहा है कि सत्संग के आयोजन के लिए जो अनुमति ली गई थी उसमें 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी लेकिन दावा किया जा रहा है कि उससे कहीं अधिक लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। आयोजकों द्वारा पुलिस से लोगों की संख्या को कम बताया गया है। कहा जा रहा है कि करीब ढाई लाख लोग इस सत्संग में शामिल हुए थे। ये भी सवाल उठ रहे हैं कि इनती भीड़ होने के बावजूद मुकम्मल व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी?