ब्रेकिंग न्यूज़

PM Modi Bihar Visit: पीएम के पूर्णिया दौरे से पूर्व तेजस्वी यादव ने पूछे तगड़े सवाल, रैलियों के बेहिसाब खर्च पर भी बोले.. IND vs PAK: मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से बिना हाथ मिलाए क्यों लौट आए सूर्या और शिवम? कप्तान ने खुद किया खुलासा.. Bihar News: दरभंगा में यूट्यूबर ने मंत्री जीवेश कुमार पर लगाया पिटाई का आरोप, जमकर हुआ बवाल Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में आज होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी Bihar News: चुनावी तैयारी में जुटे JDU नेता दिव्यांशु भारद्वाज, मोतिहारी में जन संवाद कार्यक्रम का किया आयोजन Bihar News: चुनावी तैयारी में जुटे JDU नेता दिव्यांशु भारद्वाज, मोतिहारी में जन संवाद कार्यक्रम का किया आयोजन PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त, SPG ने संभाली कमान; जमीन से आसमान तक पहरा PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त, SPG ने संभाली कमान; जमीन से आसमान तक पहरा बेगूसराय में सम्राट चौधरी का तीखा हमला, जनसुराज को बताया ‘कुकुरमुत्ता पार्टी’ Earthquake: भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 5.8 मापी गई तीव्रता

हाथरस सत्संग कांड को लेकर पहला केस दर्ज, लेकिन FIR में बाबा का नाम नहीं; उठ रहे सवाल

हाथरस सत्संग कांड को लेकर पहला केस दर्ज, लेकिन FIR में बाबा का नाम नहीं; उठ रहे सवाल

03-Jul-2024 09:56 AM

By First Bihar

DESK: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इस कांड को लेकर दर्ज किए गए पहले केस में मुख्य सेवादार देवप्रकाश माथुर और आयोजकों को आरोपी बनाया गया है लेकिन बाबा का नाम नहीं है।


दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में आयोजित एक सत्यसंग के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने इस मामले को लेकर पहला केस दर्ज किया है। हाथरस के सिकंदराराऊ थाने में दो जुलाई की देर रात ब्रजेश पांडेय नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया।


पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस केस में सिकंदराराऊ के दमदपुरा के रहने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश को आरोपी बनाया गया है लेकिन सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में पुलिस की इस एफआईआर पर सवाल भी उठ रहे हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं और अगर ली गई थी तो कितने लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही गई थी।


कहा जा रहा है कि सत्संग के आयोजन के लिए जो अनुमति ली गई थी उसमें 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी लेकिन दावा किया जा रहा है कि उससे कहीं अधिक लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। आयोजकों द्वारा पुलिस से लोगों की संख्या को कम बताया गया है। कहा जा रहा है कि करीब ढाई लाख लोग इस सत्संग में शामिल हुए थे। ये भी सवाल उठ रहे हैं कि इनती भीड़ होने के बावजूद मुकम्मल व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी?