पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने
22-Feb-2022 08:43 PM
By Vikramjeet
HAJIPUR: हाजीपुर सदर अस्पताल में करोड़ों रुपये की दवाइयां कूड़े की ढेर में फेंकी मिली है। सदर अस्पताल के औषधि भंडार गृह के पीछे कई कार्टन और बोरियों में भरकर इन दवाइओं को फेंका गया था। कार्टन और बोरियों को जब खोला गया तब पता चला कि इसमें कई ब्रांडेड और इस्तेमाल होने लायक करोड़ों की दवाइयां है। जिसे कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया है।
इस संबंध में जब सिविल सर्जन को जानकारी मिली तो वे आनन फानन में दवाइयों को देखने पहुंच गये। इतनी बड़ी मात्रा में उपयोग होने लायक दवाइयों को देख वे भी हैरान रह गये। सिविल सर्जन ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि जल्द ही इसकी जांच के लिए कमिटी का गठन किया जाएगा।
कूड़े की ढेर से बरामद दवाइयां एड्स और अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली थी। वही कई दवाइयां बच्चों के लिए भी थी जिसे स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए खरीदा था। भारी मात्रा में कूड़े के ढेर से दवाइयों को बरामद किया गया है। कार्टन और बोरियों में भरकर इन दवाइयों को फेंका गया है। बोरी में भरी दवाइयों की यदि बात की जाए तो एक गोली की बाजार में कीमत 30 से 40 रुपये है। इसी से आकलन किया जा सकता है कि इन दवाइयों की कीमत क्या होगी।
वैसे अनुमान लगाया जा रहा है कि फेंकी गयी दवाइयों की कीमत करोड़ों रुपये होगी। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन दवाइयों को कूड़े की ढेर में फेंका गया वो सभी दवाइयां एक्सपायर नहीं है। जिसे जरूरतमंद मरीजों को दिया जा सकता था। आखिर इतनी मात्रा में दवाइयां क्यों फेंक दी गयी यह जांच का विषय है। इस बात की जानकारी जब स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों को हुई तब वे भी घबरा गये।
आनन-फानन में फेंकी गयी दवाइयों को देखने पहुंच गये। वैशाली सिविल सर्जन ने इस मामले को लेकर अस्पताल के और अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच फेंकी गयी दवाइयों की जानकारी ली। सिविल सर्जन ने इस मामले को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि दवा एक्सपायरी नहीं है इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जाएगी। इसे लेकर जल्द ही कमिटी का गठन किया जाएगा।