Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान बेगूसराय में 22 वर्षीया विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, कुछ महीने पहले यूपी में हुई थी शादी Bihar News: मोतिहारी में नदी से अज्ञात महिला का शव बरामद, गाँव में मचा हड़कंप Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar News: तकरार के बाद प्यार ! विधान सभा में विपक्ष से भिड़ंत के बाद मैदान में साथ उतरे 'विजय' व 'अशोक'
19-Oct-2020 04:23 PM
By Ramesh Rai
SAMASTIPUR : बिहार विधानसभा चुनाव में नेता अनोखे तरीके से नामांकन करने पहुंच रहे हैं. नेताओं के एक से बढ़कर एक रंग-रूप देखने को मिल रहे हैं. ताजा मामला समस्तीपुर जिले का है. जहां एक नेता जी घोड़े पर चढ़कर अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे, जो लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.
समस्तीपुर विधानसभा सीट के लिए एलजेपी प्रत्याशी महेंद्र प्रधान जब अपने घर से घोड़े पर सवार होकर नामांकन के लिए पहुंचे तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही बाजार के लोगों की भी काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई. दरअसल महेंद्र प्रधान की पहचान राज्य स्तर पर एक पशुप्रेमी की है. इन्होंने अपने आवास को ही चिड़ियाखाना का शक्ल दे रहा है. उनके यहाँ छोटे पशुपक्षी से लेकर हाथी, घोड़ा, ऊंट जैसे जानवर भी शौकिया तौर पर पालते है.
इस बार एलजेपी ने उन्हें समस्तीपुर सीट पर अपने उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है. महेंद्र प्रधान का मानना है कि जब वे बेजुबान पशु पक्षियों के दर्द को महसूस कर उनकी सेवा निःस्वार्थ भाव से करता हूँ तो भला आम लोगो के काम के लिए वे कैसे पीछे हट सकते है. घोड़ा पर चढ़ कर नामांकन के पीछे के मकसद पर उन्होंने कहा कि पहले के जमाने मे घोड़े पर चढ़कर ही लम्बी यात्रा की जाती थी इसलिए उन्होंने किसी लक्जरी गाड़ियों की बजाय घोड़े पर चढ़ कर नामांकन के लिए पहुंचे है यही पशु मेरा सच्चा मित्र भी है.